महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग बनी सभी पार्टियों के लिए चुनौती, यहां समझें एमवीए और एनडीए का पूरा विवाद
महाराष्ट्र में राजनीतिक पारा इन दिनों बढ़ा हुआ है। न एनडीए और न ही एमवीए दोनों की सीट शेयरिंग तय होन के बजाय बिगड़ी हुई ही दिख रही है। यहां समझें कि सीट शेयरिंग सभी के लिए कैसे चुनौती बनी हुई है?
महाराष्ट्र की राजनीति में सूबे के हर दल के लिए सीट शेयरिंग एक चुनौती बनी हुई है क्योंकि सूबे में राजनीतिक दल दो गठबंधन में बंटे हुए है। हालांकि 2 दिन के अमित शाह के दौरे के बाद महायुति के नेता दावा कर रहे है कि सब ठीक है लेकिन एनडीए में अब भी पेंच फंसा हुआ है। वहीं, महाविकास अघाड़ी गठबंधन में भी सीट शेयरिंग को लेकर तकरार अभी थमा नहीं है। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि राज्य में एमवीए और एनडीए के गठबंधन में क्या-क्या हुआ?
MVA और NDA में क्या दिक्कत है?
सबसे पहले आपको एनडीए यानी की महायुति के बारे में बताते हैं। दरअसल ये बात तो तय है 45 से ज्यादा सीट जीतने की मंशा लिए बीजेपी इस बार 36 से 38 सीट पर अकेले लड़ेगी और शिवसेना 5 से 6 सीट पर लड़ सकती है जबकि एनसीपी अजीत पवार गुट के खाते में 3 से 4 सीट ही जाएगी। जिसमें बीजेपी सूत्रों की मानें तो 48 में से 32 सीट ऐसी है जहां बीजेपी ही उम्मीदवार देगी लेकिन कुछ सीट ऐसी हैं जहां एनसीपी और शिवसेना को बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ना पड़ सकता है।
400 पार का आंकड़ा
बीजेपी सूत्रों का साफ कहना है कि बीजेपी 400 पार का आंकड़ा लेकर चल रही है। महाराष्ट्र में टारगेट 45+ का है इसलिए सिर्फ़ पार्टी नाम के लिए लड़ने से ज्यादा विनिंग फैक्टर देखना महत्वपूर्ण होगा इसलिए जो पार्टी जीत सकती है उसका उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा। बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ने के दावे के साथ ही कई ऐसी सीटों पर दावा ठोक दिया है जिस पर कभी शिवसेना या एनसीपी का दावा हुआ करता था। वजह है उद्धव ठाकरे कि तुलना में शिंदे गुट को कम समर्थन और सपोर्ट मिलना। ठीक ऐसे ही बड़े पवार यानी चाचा शरद पवार की पार्टी को कुछ जगह सर्वे में एनसीपी अजीत गुट से ज़्यादा सपोर्ट और समर्थन मिलता दिख रहा। ऐसे में इन सीटों को बीजेपी सहयोगी दलों को ये सीटें देकर गवांना नहीं चाहती है।
इन सीटों पर महायुति में चल रही तकरार
- दक्षिण मुंबई- शिवसेना कोटे की सीट बीजेपी लड़ना चाहती है।
- उत्तर पश्चिम मुंबई- शिवसेना के एमपी गजानन कीर्तिकर वाली सीट पर बीजेपी लड़ना चाहती है।
- रत्नागिरी सिंधुदुर्ग- शिवसेना के कोटे की सीट बीजेपी लड़ना चाहती है।
- शिरूर- इस सीट पर अजीत पवार और शिंदे शिवसेना गुट का दावा है।
- मावल सीट- शिवसेना कोटे की सीट अजीत पवार लड़ना चाहते हैं।
- गढ़चिरौली- बीजेपी की सीट, एनसीपी अजीत गुट लड़ना चाहता है।
- नासिक- शिवसेना कोटे की सीट पर बीजेपी लड़ना चाहती है।
- पालघर- शिवसेना कोटे की सीट पर बीजेपी लड़ना चाहती है।
- ठाणे- शिवसेना कोटे की सीट पर बीजेपी लड़ना चाहती है।
- संभाजीनगर- शिवसेना कोटे की सीट पर बीजेपी लड़ना चाहती है।
- धाराशिव उस्मानाबाद सीट- शिवसेना कोटे की सीट बीजेपी लड़ना चाहती है।
- परभणी- शिवसेना कोटे की सीट बीजेपी लड़ना चाहती है।
- अमरावती- शिवसेना कोटे की सीट बीजेपी और शिवसेना दोनों का दावा।
- माढा- बीजेपी की सीट पर एनसीपी अजीत पवार गुट लड़ना चाहती है।
- सतारा- एनसीपी और बीजेपी दोनों का दावा है।
अमित शाह के साथ बैठक हुई बैठक
केंद्रीय मंत्री अमित शाह के मुंबई दौरे के दौरान अलग-अलग मौके पर कई बार युति के नेताओं की अमित शाह के साथ बैठक हुई। पहली बैठक मंगलवार रात को सह्याद्री गेस्ट हाउस में हुई जो 45 मिनट तक तक चली। दूसरी बैठक JIO सेंटर बीकेसी में भी हुई जो घंटे भर चली और तीसरी बैठक अमित शाह ने जाते-जाते एयरपोर्ट पर की इस दरम्यान उनकी हर बैठक में दोनों डीप्टी सीएम सहित सीएम भी मौजूद रहे। उसके बाद से युति की तरफ से दावे किए जा रहे है कि फॉर्मूला लगभग तय हो गया है। सीट शेयरिंग में कोई दिक़्क़त नहीं होगी। महायुति की बैठक के बाद छगन भुजबल सामने आए और बयान दिया कि महाराष्ट्र में कौन कितनी सीटों पर कहां से लड़ेगा इसपर महायुति के प्रमुख नेता निर्णय लेंगे,जो सीट से जीत हासिल करेगा उसी तरह का उम्मीदवार दिया जाएगा। मोदी को फिर से पीएम बनाने के लिए 400 से अधिक सीट और राज्य की 45 से ज्यादा सीट पर जीत हासिल करने का हमारा लक्ष्य है। सीट बंटवारे को लेकर कोई नाराज नहीं है।
शिवसेना शिंदे गुट के नेता और कैबिनेट मंत्री दीपक केसरकर ने कहा सीटे कौन कितनी लड़ेगा यह ज़रूरी नहीं मोदी को फिर पीएम बनाना प्राथमिकता है। कुछ सीटें और उम्मीदवार भी बीजेपी को दी जा सकती है, जैसे पिछले चुनाव में बीजेपी ने पालघर कि सीट और अपना उम्मीदवार भी शिवसेना को दिया था। अब वैसे शिवसेना बीजेपी को उम्मीदवार और सीट भी देगी।
महाविकास अघाड़ी में सीट तकरार
अब बात MVA की, शरद पवार से आज VBA प्रमुख प्रकाश आंबेडकर की बैठक सिल्वर ओक में होनी तय थी, लेकिन 11 बजे तक प्रकाश आंबेडकर नहीं आए। इसके बाद कांग्रेस के बालासाहेब थोरात उन्हें मनाने उनके घर पहुंचे और 4 सीजन होटल में MVA मीटिंग के शामिल होने का न्यौता दिया। 12.30 बजे होटल में MVA की नौंवी बैठक शुरू होती उसके पहले ही आंबेडकर ने ऐसा ऐसा कुछ बयान दिया कि एमवीए के नेता सकते में आ गए। उन्होंने कहा कि एमवीए में सब ठीक नही है उनका सीट बंटवारा ही नहीं हुआ है तो मुझे कैसे बताएंगे और सीट देंगे? बहरहाल बालासाहेब थोरात के न्योते पर प्रकाश आंबेडकर 4 सीजन होटल पहुंच गए। मीटिंग में शरद पवार और उद्धव ठाकरे पहले से मौजूद थे, 3 घंटें के बाद निकले लेकिन ज्यादा कुछ बोलने से परहेज किया और चले गए ये कहकर की हमने अपनी मांगे एमसीए के सामने रख दी है।
9 मार्च को फिर मीटिंग
VBA प्रमुख प्रकाश अंबेडकर के पार्टी का कहना है कि आज की बैठक बेनतीजा रही पवंचित बहुजन आघाडी ने जो बातें रखी थी जैसे की OBC दलित और मुस्लिमों को कुछ सीटे छोड़ने की बात कही थी उस पर बिल्कुल भी चर्चा नहीं हुई। फ़ोर सीजन होटल में चल रही बैठक साढ़े 4 घंटे बाद खत्म हुई और बालासाहेब थोरात और संजय राउत निकले लेकिन वही पुरानी बातें फिर दोहराई गई है की चर्चा सकारात्मक हुई है सब ठीक है। 9 मार्च को फिर मीटिंग होगी।
प्रकाश आंबेडकर को आखिरी चांस
सूत्रों की मानें तो इस नौवी मीटिंग में एमवीए ने प्रकाश आंबेडकर को आखिरी चांस दिया है। उनकी वजह से गठबंधन नहीं आगे बढ़ पा रहा है। सूत्रों की मानें तो 27 के बजाय इस बार आंबेडकर ने 17 सीट का दावा किया और कहा वो पत्र लिखकर उद्धव को दिन बाद बताएंगे। वहीं MVA में 23 सीट पर उद्धव गुट का दावा है और 15 सीट कांग्रेस को देने की तैयारी है और 10 सीट शरद पवार के पार्टी को मिल सकती है। राजू शेट्टी के स्वाभिमानीं शेतकरी पार्टी, वंचित बहुजन आघाडी को तीनों दल अपने कोटे से सीट देंगे। कोल्हापुर में छत्रपति शाहू महाराज को कांग्रेस और शिवसेना दोनों अपने चुनाव चिन्ह पर लड़नें की विनती कर रहे हैं।
फिलहाल आज की बैठक बेनतीजा रही क्योंकि आंबेडकर को लेकर एमवीए अभी भी कश्मकश में है लगातार उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही है अब 2 दिन में प्रकाश आंबेडकर उद्धव को बताएंगे तब आगे की रणनीति तय की जाएगी। एमवीए की अगली बैठक 9 मार्च को मुंबई में होगी वहीं एनडीए महायुती के वरिष्ठ नेता 8 मार्च को दिल्ली में बैठक कर सकते है।
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