संजय निरुपम थाम सकते हैं एकनाथ शिंदे की पार्टी का दामन, मिलेगी इस सीट से उम्मीदवारी
महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है। पूर्व कांग्रेस नेता संजय निरुपम शिंदे गुट में शामिल होने जा रहे हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 कई मायनों से खास हैं, एक तरफ जहां भाजपा 400 पार का नारा दे रही है, वहीं, कांग्रेस अपनी साख बचाने में जुटी हुई है। चुनाव के पहले कई नेता कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी या उनके सहयोगी पार्टी का दामन थाम चुके हैं। ये आलम महाराष्ट्र की राजनीति में खूब देखने को मिला है। यहां कई नेताओं ने कांग्रेस का साथ छोड़ा और पार्टी से बगावत की। ऐसे ही एक नेता संजय निरुपम जिनको कांग्रेस पार्टी ने बगावती सुर उठने के बाद निकाल दिया। खबर आ रही है कि संजय निरुपम जल्द ही एकनाथ शिंदे की शिवसेना का दामन थामने जा रहे हैं।
इस सीट से मिल सकता है टिकट
मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्व कांग्रेस नेता संजय निरुपम अगले दो दिनों में एकनाथ गुट की शिवसेना में शामिल हो सकते हैं। एकनाथ गुट की शिवसेना ने निरुपम को अपनी पार्टी से लोकसभा चुनाव में सीट देने का वादा किया है। बताया जा रहा है कि मुम्बई की उत्तर-पश्चिम सीट पर निरुपम को उम्मीदवारी मिलनी लगभग तय हो चुकी है। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले रविवार को संजय निरुपम की सीएम एकनाथ शिंद से वर्षा बंगले पर मुलाकात हुई थी। निरुपम की यह मुख्यमंत्री शिन्दे से 5वीं मुलाकात थी।
उद्धव गुट ने अमोल कीर्तिकर को बनाया है उम्मीदवार
जानकारी दे दें कि मुम्बई की उत्तर-पश्चिम सीट शिन्दे गुट के हिस्से मिली है। वहीं, मौजूदा समय में शिंदे गुट के गजानन कीर्तिकर सांसद हैं। वहीं, विपक्षी पार्टी उद्धव गुट ने इसी सीट से गजानन के बेटे अमोल कीर्तिकर को उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि अमोल के उम्मीदवारी ऐलान के बाद गजानन कीर्तिकर ने खुद चुनाव लड़ने से मना कर दिया था, जिसके बाद शिन्दे गुट लगातार एक मज़बूत उम्मीदवार की तलाश में है। कुछ दिन पहले हाल ही में उद्धव गुट से निकलकर एकनाथ शिन्दे की शिवसेना में शामिल हुए विधायक रविन्द्र वायकर के नाम पर भी चर्चा हो रही थी।
संजय ने कांग्रेस पार्टी पर साधा था निशाना
जानकारी दे दें कि पार्टी छोड़ने के बाद संजय कांग्रेस पर हमलावर हैं। संजय ने बीजेपी के घोषणापत्र को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा था। बागी नेता निरुपम ने कहा था "कांग्रेस पार्टी की समस्या यही है। भाजपा के घोषणा-पत्र को बिना ठीक से पढ़े और समझे, वही पुराने घिसे-पिटे अंदाज़ में आलोचना कर रही है. इसलिए सामान्य जनता पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है।" साथ ही चुनाव के बीच में बीफ का मुद्दा भी उछाला था, निरुपम ने कहा था कि कांग्रेस के सभी नेता बीफ खाते हैं।
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