मुंबईः महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के लिए महा विकास आघाडी (एमवीए) के सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे पर मंथन लगातार जारी है। सूत्रों के मुताबिक, मुंबई की सीट को लेकर उद्धव ठाकरे की जिद के सामने कांग्रेस ने घुटने टेक दिया है। कांग्रेस ने उत्तर पश्चिम मुंबई लोकसभा सीट से अपना दावा छोड़ दिया है। इस सीट से चुनाव लड़ने का संजय निरुपम का सपना टूट गया है।
कांग्रेस-शिवसेना के बीच 4-2 का फार्मूला
मुंबई की छह सीटों के लिए शिवसेना(UBT) और कांग्रेस में फार्मूला तय हुआ है। मुंबई से कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें मिलेगी। कांग्रेस को उत्तम मध्य मुंबई और उत्तर पुर्व मुंबई की सीट दी जाएगी। वहीं, उद्धव ठाकरे की शिवसेना को चार सीटें मिल रही हैं। दक्षिण मुंबई, दक्षिण मध्य मुंबई, उत्तर मुंबई और उत्तर पश्चिम मुंबई उद्धव गुट के शिवसेना के खाते में गई है।
इन सीटों पर अभी भी मतभेद
सूत्रों के मुताबिक सांगली सीट पर उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना और कांग्रेस के बीच मतभेद है। दोनों यह सीट चाहती हैं। वहीं, भिवंडी की सीट पर कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी दोनों ने अपना-अपना दावा ठोका है।
इन सीटों की हुई अदला-बदली
मिली जानकारी के अनुसार, वर्धा सीट के बदले एनसीपी अमरावती सीट कांग्रेस को दे रही है। नया विवाद रामटेक सीट को लेकर भी है। शिवसेना(UBT) और कांग्रेस ने रामटेक सीट पर दावा किया है। कांग्रेस ने शर्त रखा है कि अगर शिवसेना(UBT) को रामटेक सीट चाहिए तो उन्हें दक्षिण मध्य मुंबई की सीट कांग्रेस को देनी होगी लेकिन ठाकरे सेना इसके लिए राजी नहीं है।
कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे गुट से कही ये बात
कांग्रेस की तरफ से ठाकरे सेना को साफ शब्दों में कह दिया गया है कि साल 2014 और 2019 के हालात अब नहीं हैं। कांग्रेस पहले से ज्यादा मजबूत हुई है। ऐसे में ज्यादा सीटों की उम्मीद ठाकरे सेना ना करें। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, ठाकरे सेना अतिआत्मविश्वास में है। गठबंधन में ज्यादा सीटें तो ठाकरे और पवार ने मांग लिया है लेकिन बुलढाणा, वर्धा जैसी सीटों पर उनके पास उम्मीदवार तक नहीं हैं। कांग्रेस को चिंता सता रहा है की शिवसेना(UBT) का कट्टर हिंदू वोट बैंक उन्हे ट्रांसफर होगा या नहीं।