मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना की वजह से बिगड़ते हालात को देखते हुए राज्य में कड़ा लॉकडाउन लग सकता है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि कोविड-19 मामलों की वृद्धि के मद्देनजर राज्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए दो से तीन सप्ताह का पूर्ण लॉकडाउन आवश्यक है। टोपे ने साथ ही कहा कि ऐसा कदम तब उठाया जा सकता है जब सरकार स्थिति से निपटने में असमर्थ हो। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जतायी कि वर्तमान समय में लागू पाबंदियों से सरकार मामलों में बढ़ोतरी से निपट सकेगी। टोपे ने यह भी स्वीकार किया कि सरकार द्वारा संक्रमण में बढ़ोतरी को काबू पाने के बाद 'चलता है' रवैया आ गया था।
टोपे ने कहा, ‘‘हमें 15 दिनों से लेकर तीन सप्ताह तक पूर्ण लॉकडाउन की आवश्यकता होगी, हालांकि मैं तत्काल उसके पक्ष में नहीं हूं। यदि अस्पतालों में दवाओं की कमी हो और यदि सरकार रोगियों की बढ़ती संख्या का सामना करने में असमर्थ हो, तब ऐसा कदम उठाया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए लॉकडाउन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि हम वायरस को वर्तमान पाबंदियों के साथ काबू कर सकते हैं। हम सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद कर रहे हैं।’’
वहीं कांग्रेस नेता और मंत्री विजय वडेट्टीवार ने भी इस बात के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता की जान बचाने के लिए लॉकडाउन बहुत जरूरी है। वडेट्टीवार ने कहा कि ऐसी मुसीबत की घड़ी में केंद्र सरकार की तरफ से कोरोना वैक्सीन भी राज्य को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। जबकि गुजरात को जरूरत से ज्यादा वैक्सीन दी गई है। ऐसे में नागरिकों की जान बचाना सबसे अहम है। लिहाजा लॉकडाउन करना जरूरी लग रहा है।
बता दें कि महाराष्ट्र में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 56,286 नये मामले सामने आये थे जिससे संक्रमण के मामले बढ़कर 32,29,547 हो गए। पिछले रविवार को, राज्य सरकार ने 30 अप्रैल तक सप्ताहांत लॉकडाउन और कई सख्त पाबंदियों की घोषणा की थी जिसमें वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दिन के समय निषेधाज्ञा और रात का कर्फ्यू शामिल था।
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