मुंबई से एक दर्दनाक हादसे की खबर निकलकर सामने आई है। यहां पश्चिम रेलवे के तीन कर्मचारियों की अपनी ड्यूटी के दौरान जान चली गई है। जानकारी के मुताबिक, सिग्नल चेकिंग करते समय लोकल ट्रेन इन्हें कुचलते हुए निकल गई। इस हादसे की घटना को सुनकर हर कोई हैरानी जता रहा है। पश्चिम रेलवे ने इन सभी कर्मचारियों के परिजनों को मुआवजा और हादसे की जांच के आदेश जारी किए हैं। आइए जानते हैं कैसे हुआ ये पूरा हादसा।
कैसे हुआ पूरा हादसा?
दरअसल, 22 जनवरी 2024 को शाम के वक्त मुंबई डिविजन के सिग्नलिंग विभाग के 3 कर्मचारी मुख्य सिग्नलिंग निरीक्षक वासु मित्रा, इलेक्ट्रिकल सिग्नलिंग मेंटेनर सोमनाथ उत्तम लाम्बुत्रे और हेल्पर सचिन वानखड़े सिग्नलिंग प्वाइंट के फेल होने की समस्या को ठीक करने गए थे। हालांकि, यहां वे वसई रोड और नायगांव के बीच गुजरती लोकल ट्रेन की चपेट में आ गए और रात 8 बजकर 55 मिनट पर उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
मौके पर पहुंचे अधिकारी
रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस दर्दनाक हादसे की सूचना मिलते ही मंडल रेल प्रबंधक और अन्य वरिष्ठ रेलवे अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान की। उन्होंने तत्काल राहत के रूप में प्रत्येक मृतक के परिजन को 55 हजार रुपये की राशि प्रदान की है। इसके अलावा पश्चिम रेलवे ने घटना की जांच के आदेश जारी किए हैं।
मुआवजे का भी ऐलान
रेलवे ने जानकारी दी है कि अनुग्रह भुगतान और अन्य भुगतान मृतक के परिवार के सदस्यों को 15 दिनों के भीतर वितरित किए जाएंगे। सचिन वानखेड़े और सोमनाथ के परिवार को लगभग 40 लाख रुपये तो वहीं, वासु मित्रा के परिवार को लगभग 1.24 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। इस राशि के अलावा, मृत कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को निपटान बकाया (डीसीआरजी, जीआईएस, अवकाश नकदीकरण) का भुगतान किया जाएगा। रेलवे ने कहा है कि बकाया राशि के निपटान की कार्यवाही की जा रही है।
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