VIDEO: IIT बॉम्बे के कैंपस में फिर दिखा तेंदुआ, घूमता हुआ कैमरे में कैद
IIT बॉम्बे के परिसर में एक तेंदुआ टहलते हुए कैमरे में कैद हो गया। तेंदुए के दिखने से परिसर में सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
मुंबई: पवई स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे के परिसर में एक तेंदुआ देखा गया। यह तेंदुआ एक वीडियो कैमरे में कैद हो गया। वीडियो फुटेज में तेंदुआ परिसर के एक सुनसान इलाके से गुजरता हुआ नजर आ रहा है। आईआईटी परिसर में तेंदुए के दिखने से सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं और इस घटना को लेकर सुरक्षा के प्रति चिंता बढ़ गई है। इससे पहले भी पवई के तुलसी झील के पास स्थित IIT बॉम्बे परिसर में एक तेंदुआ देखा गया था।
आईआईटी बॉम्बे में तेंदुआ के दिखने का यह दूसरा मामला है, जिससे पता चलता है कि इस इलाके में जंगली जानवरों की सक्रियता बढ़ रही है। तेंदुआ मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है और इस इलाके के करीब हरे-भरे इलाके और वन्यजीवों के आवास हैं, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि यह तेंदुआ अपने प्राकृतिक आवास से बाहर आकर यहां इस परिसर में घुस गया होगा। इस घटना के बाद परिसर के अंदर और आस-पास की सुरक्षा को बढ़ाया जा सकता है। वहीं, छात्रों और कर्मचारियों को सचेत रहने के लिए कहा जा सकता है। इसके अलावा स्थानीय वन विभाग से भी मदद ली जा सकती है।
आईआईटी बॉम्बे के बारे में
बता दें कि IIT बॉम्बे (Indian Institute of Technology Bombay) भारत के प्रमुख तकनीकी संस्थानों में से एक है। इसकी स्थापना 1958 में हुई थी। IIT बॉम्बे, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान शृंखला का दूसरा संस्थान था, जो यूनेस्को और सोवियत संघ के अनुदान से स्थापित किया गया था। यूनेस्को ने सोवियत संघ की सहायता से मशीनरी और तकनीकी ज्ञान उपलब्ध कराया और भारत सरकार ने निर्माण और अन्य खर्चों का वहन किया।
संस्थान के निर्माण के लिए मुंबई से 18 मील दूर पवई में 550 एकड़ भूमि राज्य सरकार ने उपलब्ध कराई। निर्माण के दौरान ही 25 जुलाई 1958 को सिंथेटिक एंड आर्ट सिल्क मिल्स रिसर्च एसोसिएसन (SASMIRA) वर्ली मुंबई के प्रांगण में 100 छात्रों के साथ प्रथम शिक्षण सत्र का प्रारंभ हुआ। इस सत्र के लिए कुल 3,400 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। इनमें से 100 छात्रों को केमिकल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग के प्रथम वर्ष स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया गया। संस्थान को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य विभिन्न इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी विषयों के लिए उपयुक्त शिक्षकों और सुविधाओं को उपलब्ध कराना था।
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