A
Hindi News महाराष्ट्र क्या आप जानते हैं 'शहीदों का गांव' कहां है? फौज से है खास कनेक्शन, जानें वोटिंग के दिन क्यों है चर्चा में

क्या आप जानते हैं 'शहीदों का गांव' कहां है? फौज से है खास कनेक्शन, जानें वोटिंग के दिन क्यों है चर्चा में

महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक ऐसा भी गांव है, जिसे शहीदों का गांव कहा जाता है। आज इस गांव में मतदान हो रहा है। ऐसे में यहां के लोगों में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है।

शहीदों के गांव में हो रहा मतदान।- India TV Hindi Image Source : INDIA TV शहीदों के गांव में हो रहा मतदान।

सतारा: भारतीय सेना की वीरता के बारे में पूरी दुनिया जानती है, लेकिन भारत में एक ऐसा गांव भी है जिसे शहीदों का गांव कहा जाता है। ये गांव महाराष्ट्र के सतारा जिले में है। इस गांव का नाम अपशिंगे है, जिसे शहीदों का गांव कहा जाता है। दरअसल, इस गांव के करीब 300 जवान इस वक्त सेना में तैनात हैं। इतना ही नहीं गांव में करीब 500 पूर्व सैनिक भी रहते हैं। बता दें कि प्रथम विश्व युद्ध में भी इस गांव के 47 लोग शहीद हुए थे। इसके अलावा भारत-पाकिस्तान युद्ध, बांग्लादेश मुक्ति संग्राम, कारगिल युद्ध सहित कई अन्य मिलिट्री ऑपरेशन में अपशिंगे गांव के जवान हिस्सा ले चुके हैं।

पोलिंग बूथ पर रखी गई खास थीम

जहां देश भर में मतदान चल रहा है, वहीं तीसरे चरण के तहत इस गांव में भी आज मतदान हो रहा है। शहीदों की धरती होने की वजह से यहां पर मतदान काफी खास है। इस बार के मतदान में अपशिंग गांव के मतदाताओं में काफी उत्साह का माहौल देखा जा रहा है। खास बात यह है कि इस गांव के पोलिंग बूथ को 'जय जवान' की थीम पर सजाया गया है। इसके साथ ही सेना के तीनों विंग के बड़े-बड़े पोस्टर्स लगाए गए हैं। यहां पर 100 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखा गया है। सुबह से ही गांव में रहने वाले पूर्व सैनिक, वीर पत्नी सहित आम मतदाता वोटिंग के लिए पोलिंग बूथ पर पहुंच रहे हैं। 

मोदी के काम से खुश दिखे वोटर

अपशिंगे गांव के मतदाताओं से जब बात की गई तो ज्यादातर मतदाताओं का कहना है कि अब इस गांव के जो युवा सरहद पर तैनात हैं वो बहुत खुश हैं। क्योंकि मोदी सरकार के कार्यकाल में जवानों को बहुत सुविधा मिल रही है। गांव के लोगों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में तैनात इस गांव के युवा आर्टिकल 370 हटने से बहुत ही खुश हैं। पाकिस्तान भी अब कंट्रोल में है। किसानों के लिए नरेंद्र मोदी बहुत काम कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें- 

अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर फैसला सुरक्षित, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

वोटिंग की पॉजिटिव खबर: व्हील चेयर पर मतदान करने पहुंचा दिव्यांग; बातें सुनेंगे तो खुद को वोट डालने से नहीं रोक सकेंगे