मुंबई: बिहार के मधुबनी ज़िले के रहने वाले खिलानंद झा ने 90 के दशक में एक दलित महिला मनौती पासवान से शादी कर ली थी। लेकिन खिलानंद झा को अंदाज़ा नहीं था कि पिछड़ी जाति की महिला से शादी करना उन्हें जिंदगी भर के लिए अछूता बना देगा। दलित महिला से शादी करने से नाराज उनके ही घर वालों ने खिलानंद की पत्नी को आग के हवाले कर दिया था, जिसमें वो आधी जल गई थीं। परिवार ही नहीं बल्कि सरकारी विभागों ने भी खिलानंद को दलित से शादी करने की सजा दी।
संसद भवन तक पहुंचा था मुद्दा, फिर भी नौकरी से निकाला
खिलानंद झा को पहले अपने घर, फिर अपने गांव और क़स्बे से तिरस्कार का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं अपने साथ हो रहे अन्याय को लेकर खिलानंद झा ने भूख हड़ताल भी की और मुद्दा संसद भवन तक पहुंचा था। हालांकि उनके इस अनशन का कोई ठोस परिणाम नहीं निकला था। संसद तक मुद्दा पहुंचने के बाद कुछ नेताओं ने आश्वासन दिए थे लेकिन कुछ नहीं हुआ। खिलानंद झा को चपरासी की सरकारी नौकरी जैसे-तैसे मिली थी लेकिन ब्राह्मण होकर दलित से शादी करने के चलते उन्हें नौकरी पर भी उपेक्षा झेलनी पड़ी और उन्हें उस नौकरी से भी निकाल दिया गया था।
पत्नी के इलाज में लाखों का कर्ज, सोनू सूद बने सहारा
हाल ही में उनकी पत्नी मिनौती पासवान को पैरालिसिस के बाद दिल्ली के सफ़दरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन अप्रैल महीने में खिलानंद की पत्नी मिनौती का निधन हो गया। पत्नी के इलाज के दौरान उनका काम छूटा और इलाज के लिए लाखों रुपये का कर्ज़ हो गया। इसके बाद खिलानंद झा ने हर जगह मदद की गुहार लगाई और अंत में अभिनेता सूद के पास पहुंचे तो सोनू सूद ने खिलानंद को मदद का आस्वासन दिया है। अभिनेता सोनू सूद ने खिलानंद झा से मुलाक़ात की और मदद करने का वादा किया।
खिलानंद झा की कहानी
दरअसल, बिहार के मधुबनी ज़िले के रहने वाले खिलानंद झा और मिनौती पासवान, जिन्होंने 1970 और 80 के दशक में बिहार में एक तरह की सामाजिक क्रांति की शुरुआत की थी। एक ब्राह्मण जिसे एक दलित महिला से प्यार हो गया और उसने उससे शादी कर ली। झा ने जातिवाद में डूबे समाज को अपना लिया। जब उन्हें अपनी पसंद पर उत्पीड़न और उपहास का सामना करना पड़ा, तो झा ने संघर्ष किया, भूख हड़ताल पर बैठे, प्रतिष्ठान और यहां तक कि संसद को भी इस पर ध्यान देने को कहा। लेकिन जिंदगी भर से समाज से लड़ रहे खिलानंद झा आज सिस्टम से हार चुके हैं और अब अभिनेता सोनू सूद के पास मदद के लिए पहुंचे हैं।
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