मुंबई हाईकोर्ट का कंगना के मामले में अहम फैसला, जानिए न्यायालय ने क्या कुछ कहा
अभिनेत्री कंगना रनौत के दफ्तर पर बुलडोजर चलाने के मामले में आज हाईकोर्ट ने बीएमसी को जमकर लताड़ लगाई।
अभिनेत्री कंगना रनौत के दफ्तर पर बुलडोजर चलाने के मामले में आज हाईकोर्ट ने बीएमसी को जमकर लताड़ लगाई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने माना कि ये सभी चीजें कंगना को धमकाने के मकसद से की गईं और BMC की मंशा ठीक नहीं थी। कोर्ट ने कहा कि कंगना को हर्जाना दिए जाने के लिए दफ्तर में हुई तोड़फोड़ का मूल्यांकन किया जाए और इस मूल्यांकन की जानकारी कंगना और BMC दोनों को होनी चाहिए।
कंगना द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयानों और पोस्ट का सवाल है तो कोर्ट ने कहा कि उन्हें सोच समझ कर बोलना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि विषय दफ्तर को तोड़ा जाना है न कि ट्वीट में कही गई बातें। वहां पर बहुत सा काम रुका पड़ा है। कोर्ट ने कहा कि वह कंगना द्वारा दिए गए बयान हालांकि गैरजिम्मेदाराना हैं लेकिन बेहतर तरीका यही है कि ऐसे बयानों को नजरअंदाज किया जाए।
कोर्ट द्वारा की गई महत्वपूर्ण टिप्पणियां
- अपना फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि नुकसान की भरपाई के लिए एक सर्वे करने वाले को नियुक्त किया जाएगा तारिक याचिकाकर्ता को नुकसान की भरपाई हो सके।
- हाईकोर्ट ने कहा कि कंगना फिर से अपने ऑफिस का रिकंस्ट्रक्शशन कर सकती हैं लेकिन वह जरुरी परमिशन लें।
- हालांकि कोर्ट ने कहा कि वह कंगना द्वारा व्यक्त किए गए विचारों से सहमत नहीं हैं लेकिन राज्य एक नागरिक के खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं कर सकता हैं
- बीएमसी और राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति द्वारा बोले गए गैरजिम्मेदारा बयान को नजरअंदाज करना चाहिए
- कोर्ट ने राज्य सरकार की जिम्मेदारी तय करते हुए कहा कि राज्य किसी व्यक्ति के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई नहीं कर सकता
- इस केस का बैकग्राउंड देखकर लगता हैं कि कंगना के ऑफिस में हुई तोडक कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण और सोचसमझकर की गई हैं
- कंगना के ट्वीट और बयान की वजह से उनको टारगेट किया गया