महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि असली शिवसेना किसकी है, यह तय करने के लिए पाकिस्तान के प्रमाणपत्र की जरूरत है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को महाराष्ट्र के जलगांव में आयोजित एक जनसभा में कहा था कि उन्हें लोगों से मिल रहे समर्थन को देखकर पाकिस्तान भी बता देगा कि असली शिवसेना किसकी है, लेकिन निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं कर सकता, क्योंकि वह ‘मोतियाबिंद से पीड़ित’ है।
"पाकिस्तान के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं"
ठाणे में आयोजित एक कार्यक्रम में उद्धव की इस टिप्पणी की तरफ इशारा करते हुए शिंदे ने कहा, “जलगांव में किसी ने कहा कि पाकिस्तान को भी पता चल जाएगा कि असली शिवसेना किसकी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि शिवसेना किसकी है, यह तय करने के लिए पाकिस्तान के प्रमाणपत्र की जरूरत है।” निर्वाचन आयोग ने इस साल की शुरुआत में ठाकरे गुट को करारा झटका देते हुए ‘शिवसेना’ नाम और पार्टी का चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ शिंदे समूह को आवंटित कर दिया था। बता दें कि शिंदे और उनके समर्थक विधायकों की बगावत के चलते महाराष्ट्र में जून 2022 में उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी।
"निर्वाचन आयोग मोतियाबिंद से पीड़ित है"
महाराष्ट्र के जलगांव में आयोजित एक जनसभा में उद्धव ठाकरे ने ये भी कहा था कि उनकी पार्टी और समर्थक यह सुनिश्चित करेंगे कि ‘गद्दारों’ का राजनीतिक रूप से सफाया हो जाए। उद्धव का परोक्ष तौर पर इशारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायकों की तरफ था, जिनकी बगावत के चलते जून 2022 में उद्धव नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने जलगांव में कहा, “यहां मौजूद लोगों की संख्या को देखते हुए पाकिस्तान भी जान जाएगा कि कौन असली शिवसेना है, लेकिन निर्वाचन आयोग नहीं, क्योंकि वह मोतियाबिंद से पीड़ित है।” उद्धव ठाकरे ने बगावत को लेकर अपने समर्थकों से मतदान के जरिये मुख्यमंत्री शिंदे और उनके 40 समर्थक विधायकों के खिलाफ गुस्सा जाहिर करने का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे राजनीतिक रूप से समाप्त हो जाएं।
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