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Hindi News महाराष्ट्र महाराष्ट्र: फडणवीस की उद्धव ठाकरे से हुई थी गुपचुप मुलाकात, MVA में होगा खेला?

महाराष्ट्र: फडणवीस की उद्धव ठाकरे से हुई थी गुपचुप मुलाकात, MVA में होगा खेला?

महाविकास अघाड़ी में सीट शेयरिंग को लेकर अनबन चल रही है जिसकी वजह से अबतक सीटों का फैसला नहीं हो पाया है। कुछ दिनों पहले उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात को लेकर कयासबाजी हो रही है।

uddhav thackeray and fadnavis- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है और कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, इसे लेकर सियासी हलचल जारी है। महायुति और महाविकास अघाड़ी में सीट शेयरिंग को लेकर गहमागहमी जारी है। भाजपा ने अपने 99 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं तो वहीं महाविकास अघाड़ी में अबतक सीट शेयरिंग का फैसला नहीं हो पाया है। कांग्रेस और शिवसेना के बीच जारी मतभेद को लेकर अबतक दोनों पार्टियों के बीच बात नहीं बन पाई है। इस बीच, सूत्रों के अनुसार कुछ दिनों पहले देवेंद्र फड़नवीस और उद्धव ठाकरे की मुलाक़ात हुई थी, इस मुलाकात के अब कई मायने निकाले जा रहे हैं। 

उद्धव-फडणवीस की मुलाकात, कयासबाजी शुरू

कहा जा रहा है कि इस बैठक का प्रस्ताव उद्धव ठाकरे की तरफ़ से दिया गया था और दोनों नेताओं के बीच बात हुई थी। लेकिन क्या बात हुई ये पता नहीं चल सका है। अब चूंकि कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी के बीच सीट शेयरिंग का मामला फंसा हुआ है। सीट शेयरिंग में फंसे पेंच के बीच शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात की बात सामने आई है जो सिर्फ प्रेशर पॉलिटिक्स का हिस्सा हो सकती है। कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच सियासी बातचीत ही हुई लेकिन उस मुलाकात में बात कुछ आगे नहीं बढ़ सकी।

हो सकता है उद्धव का बी प्लान?

महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस और उद्धव गुट की शिवसेना के बीच सीटों को लेकर अनबन चल रही है और इसीलिए उद्धव और फडणवीस की मुलाकात को उद्धव का बी प्लान भी कहा जा सकता है। राजनीति में सबकुछ जायज होता है और दरवाजे खुले रहते हैं। उद्धव और भाजपा में पहले भी दोस्ती थी, दोनों ने मिलकर सरकार चलाई थी। अब शिवसेना भी दो भागों में बंट चुकी है और इससे नुकसान उद्धव को ही हुआ है। उधर शिंदे गुट को लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। तो ऐसे में उद्धव का बी प्लान रेडी है, अगर कांग्रेस से बात नहीं बनती है तो वे कुछ भी फैसला ले सकते हैं।