महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक आर्थिक हालातों से मजबूर परिवार ने अपने सदस्यों की किडनियां बेचने के पोस्टर लगाए हैं। कर्ज में डूबे परिवार ने कर्जदारों से परेशान होकर इस तरह के विज्ञापन लगाए हैं। जानकारी मिली है कि पति की मौत के बाद 2 बच्चों के साथ महिला मदद की तलाश में दर-दर भटक रही है। आलम ये है कि कर्जदारों से प्रताड़ित होकर गांव तक छोड़ दिया। जब परिवार ने नांदेड़ के कलेक्टर कार्यालय के सामने ये पोस्टर लगाया, जिसमें लिखा गया था कि किडनी बेचनी है, तब इसकी जानकारी पुलिस तक पहुंची।
पति के इलाज के लिए साहूकारों से लिया था कर्ज
नांदेड़ पुलिस ने पोस्टर पर लिखे नंबर पर फोन लगाया तो महिला से संपर्क हुआ। इसके बाद शनिवार देर रात मुदखेड पुलिस ने महिला का बयान दर्ज किया।
इस बयान के मुताबिक, मुदखेड तालुका वाई में सत्यभामा चंचुलवाड नाम की महिला के पति बालाजी चंचुलवाड को सांप ने काट लिया था। अपने पति के इलाज के लिए उसने कुछ साहूकारों से 2 लाख रुपए का कर्ज लिया था। उसने कई बार पैसे चुकाए लेकिन ब्याज के पैसे के लिए साहूकारों ने उसके पति को जमकर पीटा। वहीं सत्यभामा के बेटे सिद्धांत और बेटी सृष्टि ने 3 जुलाई 2021 को कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
नांदेड़ में कलेक्टर ऑफिस के बाहर लगा पोस्टर
कर्जदारों से परेशान होकर चंचुलवाड परिवार ने गांव छोड़ दिया। यह परिवार पिछले ढाई साल से मुंबई में था। लेकिन फिर दो दिन पहले नांदेड़ में कलेक्टर कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगा दिखा, जिसमें लिखा था कि वे किडनी बेच रहे हैं। जिसके बाद पुलिस ने इस परिवार से संपर्क किया और वे नांदेड़ आए। इसके अलावा परिवार ने एक पत्र के माध्यम से राज्य सरकार से औपचारिक अनुरोध किया है कि उनकी मदद की जाए। शनिवार की रात मुदखेड पुलिस ने सत्यभामा को बुलाकर उसका बयान दर्ज किया, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया गया है।
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