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Hindi News महाराष्ट्र विवादों में घिरीं IAS पूजा खेडकर की फैमिली नई मुसीबत में फंसी, सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माण पर चलेगा बुलडोजर!

विवादों में घिरीं IAS पूजा खेडकर की फैमिली नई मुसीबत में फंसी, सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माण पर चलेगा बुलडोजर!

महापालिका ने अपने नोटिस में लिखा है कि आपने अपने घर के सामने की महापालिका की जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण किया है। घर के सामने वाले फुटपाथ पर 60 फीट लंबा, 3 फीट चौड़ा और 2 फीट ऊंचा अवैध निर्माण किया गया है।

IAS पूजा खेडकर - India TV Hindi Image Source : ANI IAS पूजा खेडकर

पुणेः विवादों में घिरीं ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को लेकर रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। ताजा मामला पूजा खेडकर की फैमिली से जुड़ा है। खेडकर परिवार द्वारा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने का मामला सामने आया है। पुणे में खेड़कर परिवार का बंगला है। खेड़कर परिवार ने अपने बंगले के सामने की महापालिका की जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण किया है।

सात दिन में अवैध निर्माण गिराने को कहा

पुणे महानगरपालिका की तरफ से पूजा खेड़कर परिवार के घर पर नोटिस चिपकाया गया है। साथ ही अवैध निर्माण को अगले 7 दिन में तोड़ने का आदेश दिया गया है। अगर अवैध निर्माण तोड़ा नहीं गया तो महापालिका की तरफ से इसे तोड़ा जाएगा। ऐसी चेतावनी भी नोटिस में दी गई है।

अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की चेतावनी

महापालिका ने अपने नोटिस में लिखा है कि आपने अपने घर के सामने की महापालिका की जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण किया है। घर के सामने वाले फुटपाथ पर 60 फीट लंबा, 3 फीट चौड़ा और 2 फीट ऊंचा अवैध निर्माण किया गया है। इस अवैध निर्माण की वजह से फुटपाथ से चलने वाले लोगों असुविधा हो रही है। इसलिए अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाए।

Image Source : india tvखेडकर के परिवार को पुणे महानगरपालिका द्वारा दिया गया नोटिस

पूजा खेडकर की मां भी विवादों में आईं

वहीं, आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मां द्वारा पिस्तौल लेकर कुछ लोगों को धमकाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिससे विवादों में घिरी नौकरशाह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पुणे ग्रामीण पुलिस के एक अधिकारी ने बाद में कहा कि तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच शुरू की जाएगी, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या उसके पास पिस्तौल का लाइसेंस था।

पूजा खेडकर है 2023 बैच की आईएएस अधिकारी

पूजा खेडकर 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने यूपीएससी की उम्मीदवारी में खुद को ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर उम्मीदवार बताया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि वह दृष्टिहीन और मानसिक रूप से दिव्यांग हैं, लेकिन उन्होंने अपने दावों की पुष्टि के लिए परीक्षा देने से इनकार कर दिया।