मॉनसून का सीजन समाप्त हो चुका है। लेकिन बावजूद इसके गुरुवार की शाम मुंबई में देर शाम 8 बजे तेज बारिश देखने को मिली। मौसम विभाग ने हल्की से तेज बारिश का पहले ही अनुमान जताया था। लेकिन रात में कई इलाकों में तेज बारिश के कारण मुंबई के लोअर परेल, दादर, हिंदमाता, सायन कुर्ला जैसे निचले इलाकों में दो फीट तक पानी भर गया। दर्जनों गाड़ियां पानी में बंद पड़ गईं। इस दौरान प्रशासन बीएमसी या ट्रैफिक पुलिस का कोई कर्मचारी सड़क पर दिखाई नहीं दिया। इस कारण सड़क पर लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बता दें कि मुंबई में आमतौर पर हल्की से तेज बारिश होने पर ही बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
मराठवाड़ा में बारिश से 64 लोगों की मौत
बता दें कि महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में इस साल मॉनसून की बारिश के दौरान 64 लोगों की मौत हो गई। इसमें 38 लोगों की मौत आकाशीय बिजली गिरने की वजह से हुई। गुरुवार को अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। मराठवाड़ा में छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड, परभणी, लातूर, नांदेड़, उस्मानाबाद और हिंगोली जिले में शामिल हैं। राजस्व विभाग के मुताबिक, सबसे ज्यादा 12 लोगों की मौतें 1 जून से 4 अक्तूबर के बीच हुईं। वहीं बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में 16 लोग घायल भी हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बारिश से जुड़ी घटनाओं में जितने भी लोगों की जान गई, उसमें से 24 लोगों की मौत बाढ़ में डूबने के कारण हुई है। साथ ही इस दौरान 1,585 पशुओं की भी मौत हो गई थी।
इस साल 108 फीसदी तक हुई बारिश
इसमें सबसे अधिक पशुओं की मौत परभणी में हुई। बता दें कि परभणी में 407 पशुओं की मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में इस क्षेत्र में 407 लाइटनिंग अरेस्टर लगाए गए हैं। इनमें से 308 बीड में और 79 छत्रपति संभाजीनगर में हैं। एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि इस साल आकाशीय बिजली गिरनी की वजह से सबसे अधिक मौते परभणी में हुई हैं। वहां मई 2024 तक चार लाइटनिंग अरेस्टर लगाए गए हैं। बता दें कि इस साल मॉनसून की बारिश 8 फीसदी तक अधिक दर्ज की गई है। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मॉनसून के सीजन में 108 फीसदी बारिश दर्ज की गई है।