महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के दादर इलाके में बना एक हनुमान मंदिर चर्चा का विषय बना हुआ है। 4 दिसंबर को रेल विभाग द्वारा हनुमान मंदिर ट्रस्ट को एक नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में लिखा गया कि अवैध मंदिर के निर्माण की वजह से दादर स्टेशन से गुजरने वाले यात्रियों को परेशानी हो रही है। गाड़ियों के आवागमन में बाधा उत्पन्न होती है।
मंदिर तोड़े जाने पर लगा स्टे
साथ ही नोटिस में ये भी कहा गया कि यहां हो रहें विकास के कार्य में बाधा आ रही है। ऐसे में 7 दिन के भीतर इस अवैध निर्माण को हटाया जाए अन्यथा रेल विभाग खुद इस अवैध निर्माण को हटाएगा। उसका खर्च भी मंदिर प्रशासन से वसूल किया जाएगा। हालांकि, काफी विरोध के बाद हनुमान मंदिर को तोड़ने के आदेश पर शनिवार को स्टे लगा दिया गया है।
कुली लोगों ने हनुमान की मूर्ति स्थापित की
इस पूरे मामले पर मंदिर के ट्रस्टी प्रकाश कारखानीस ने बताया कि ब्रिटिश हुकूमत के दौरान दादर स्टेशन पर काम करने वाले कुली लोगों को यहां हनुमान जी की मूर्ति मिली थी। जिसे उन्होंने श्रद्धापूर्वक इस जगह पर स्थापित किया था। धीरे-धीरे यहां पर मंदिर का निर्माण किया गया।
70 के दशक में बनाया गया मंदिर का ट्रस्ट
उन्होंने कहा कि 70 के दशक में बाकायदा एक ट्रस्ट बनाकर इस मंदिर को रजिस्टर्ड किया गया है। दादर स्थित हनुमान मंदिर में रोजाना सैकड़ो श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। रेल विभाग ने नोटिस जारी करने के पहले हमें बुलाया नहीं, विकास के नाम पर मंदिर को हटाने की साजिश रची जा रही है। आखिर रेलवे के अधिकारियों की मंशा क्या है?
नहीं खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा
मंदिर के ट्रस्टी प्रकाश कारखानीस ने कहा, 'सरकार खुद को हिंदूत्ववादी कहती है, लेकिन खुद भगवान राम के भक्त हनुमान जी की मंदिर का तोड़ना चाहती हैं। हम इस नोटिस के खिलाफ किसी कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाएंगे, अब मंदिर को बचाना श्रद्धालुओं के हाथ में है।'
महाआरती करेंगे आदित्य ठाकरे
वहीं, अब मंदिर तोड़ने के आदेश पर स्टे लगने पर श्रद्धालुओं में खुशी की लहर है। मंदिर को बचाने के लिए स्थानीय लोग आंदोलन करने की बात कर रहे थे। वहीं, आज शाम आदित्य ठाकरे इस मंदिर में शिवसैनिकों के साथ महाआरती करेंगे।