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Hindi News महाराष्ट्र इंटर कास्ट या इंटर रिलीजन शादी करने के बाद कितनी महिलाएं फैमिली से हुईं अलग? जानिए इसे लेकर सरकार का क्या प्लान है

इंटर कास्ट या इंटर रिलीजन शादी करने के बाद कितनी महिलाएं फैमिली से हुईं अलग? जानिए इसे लेकर सरकार का क्या प्लान है

समिति जिला अधिकारियों के साथ नियमित रूप से बैठकें करेगी और पंजीकृत और अपंजीकृत अंतरधार्मिक और अंतरजातीय विवाहों, ऐसी शादियां जो पूजा स्थलों में होती हैं और घर से भाग कर विवाह किए जाते हैं, की जानकारी एकत्र करेगी।

श्रद्धा मर्डर केस- India TV Hindi Image Source : फाइल फोटो श्रद्धा मर्डर केस

श्रद्धा मर्डर केस ने पूरे देश को चौंका दिया। इस मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। आरोपी आफताब अमीन पूनावाला से लगातार पूछताछ जारी है। देशभर में इसका विरोध हो रहा है। इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले को लेकर अंतर-जातीय या अंतर-धार्मिक दंपतियों और परिवार से अलग हो चुकी महिलाओं तथा उनके परिवार के बारे में जानकारी जुटाने के लिए एक समिति का गठन किया है। राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मंगलवार को जारी सरकारी संकल्प (जीआर) में कहा गया है कि अंतर-जातीय/अंतर-धार्मिक विवाह-परिवार समन्वय समिति (राज्य स्तरीय) की अध्यक्षता राज्य के महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा करेंगे। 

समिति में 13 सदस्य होंगे

जीआर में कहा गया है कि समिति ऐसे विवाहों में शामिल महिलाओं, जो शायद अपने परिवार से अलग हो गई हैं, उनके लिए जिला स्तर पर की जाने वाली पहलों की निगरानी करेगी ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें सहायता प्रदान की जा सके। जीआर में कहा गया है कि समिति महिलाओं और उनके परिवारों के लिए परामर्श प्राप्त करने और मुद्दों को हल करने के लिए एक मंच होगी। इसमें कहा गया है कि कल्याणकारी योजनाओं और मामले से संबंधित कानून के बारे में राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों का अध्ययन करने के लिए समिति में सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्रों के 13 सदस्य होंगे। 

समिति जिला अधिकारियों के साथ बैठकें करेगी 

समिति जिला अधिकारियों के साथ नियमित रूप से बैठकें करेगी और पंजीकृत और अपंजीकृत अंतरधार्मिक और अंतरजातीय विवाहों, ऐसी शादियां जो पूजा स्थलों में होती हैं और घर से भाग कर विवाह किए जाते हैं, की जानकारी एकत्र करेगी पिछले महीने मंत्री लोढ़ा ने राज्य महिला आयोग से एक विशेष दस्ते का गठन करने के लिए कहा था ताकि उन महिलाओं की पहचान की जा सके जिन्होंने परिवार की रजामंदी के बिना शादी की और बाद में उनसे अलग हो गईं। यह फैसला श्रद्धा वालकर हत्याकांड को देखते हुए लिया गया था। वालकर की उसके लिव इन पार्टनर आफताब पूनावाला ने कथित रूप से इस साल मई में दिल्ली में हत्या कर दी थी।