मुंबई: सत्ता में बैठे राजनेताओं का उनसे जुड़े संस्थानों को पैसे देना कोई नई बात नहीं है। लेकिन अब इस मामले में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत फंसते हुए दिख रहे हैं। दरअसल मुंबई हाईकोर्ट की गोवा बेंच एक NGO की याचिका की सुनवाई कर रही है। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से जुड़े एक नर्सिंग कॉलेज को नॉर्थ गोवा डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (एनजीएमएफ) से ₹3 करोड़ के आवंटन किया है। नार्थ गोवा की डिस्ट्रिक्ट मिनरल फ़ाउंडेशन फंड का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
3 करोड़ रुपए किए गए थे स्वीकृत
इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य के एडवोकेट जनरल को एफ़िडेविट फ़ाइल कर एक्सप्लेन करने को कहा है। याचिकाकर्ता ने यह दावा भी किया है कि मंजूर किए गए फंड का इस्तेमाल जिस उद्देश के लिए किया जाना था उसके लिए नहीं किया जा रहा है। बता दें कि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से जुड़ी एक नर्सिंग इंस्टीट्यूट को कौशल विकास और उद्यमिता निदेशालय के प्रस्ताव के बाद 3 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे।
खनन से प्रभावित प्रत्येक गोवा जिले में खनिज फाउंडेशन स्थापित
इसमें खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 9 बी के अनुरूप प्रमुख खनिजों के खनन से प्रभावित प्रत्येक गोवा जिले में खनिज फाउंडेशन स्थापित किए गए थे। जिसके अनुसार उन्हें पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, महिलाओं और बच्चों का कल्याण, आजीविका और कौशल विकास, स्वच्छता, आदि उपायों के लिए फंड करना अनिवार्य है।