मुंबई: महाराष्ट्र में गणेश उत्सव की धूम मची हुई है। इस बार उत्सव के दौरान गणपति की इको फ्रेंडली मूर्तियां देखने को मिल रही हैं। बड़ी संख्या में लोग अपने घरों पर बप्पा की ऐसी ही मूर्ति ला रहे हैं। इस तरीके की मूर्तियों का क्रेज इस बार बड़े गणपति मंडलों में भी देखने को मिल रहा है।
एलफिन्सटन के राजा आकर्षण का केंद्र
इस बार एलफिन्सटन के राजा की मूर्ति का काफी चर्चा हो रही है। इसे 200-250 किलो के कागज से बनाया गया है। 18 फीट ऊंची इस मूर्ति को बनाने में कुल 3 महीने का समय लगा है। बप्पा को कृष्ण अवतार में शेषनाग कालिया का मर्दन करते हुए दर्शाया गया है। नाग से बप्पा के मूर्ति की कुल ऊंचाई करीब 22 फीट है।
ये मूर्ति पूरी तरह से इको फ्रेंडली है और पूरे 11 दिनों तक मंडल में स्थापित रहेगी। इसका खास ख्याल रखने के लिए AC के जरिए सही तापमान भी यहां मेंटेन रखा जाता है। इस बड़ी मूर्ति के साथ गणपति की एक छोटी मूर्ति भी रखी गई है, जिसमें प्राण प्रतिष्ठा की गई है।
गिरगांव चौपाटी में विसर्जित की जाती है ये मूर्ति
इस मंडल से जुड़े सुधीर सोनावणे ने बताया कि यह इको फ्रेंडली मूर्ति हर साल गिरगांव चौपाटी में विसर्जित की जाती है और कागज से बने होने की वजह से यह आसानी से पानी मे घुल जाती है। सुधीर ने बताया कि यह पेपर के गणपति का तीसरा साल है। कोविड के बाद से ही वो बप्पा की मूर्ति पेपर से बनवा रहे हैं।
सुधीर ने बताया कि वो इको फ्रेंडली मूर्ति के ज़रिए लोगों को पर्यावरण में पॉलीथिन और प्लास्टिक के चलते हो रहे नुकसान के प्रति जागरूक करना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने कई सोशल संदेश भी लिखे हैं। वहीं इस मंडल के अध्यक्ष संकेत धुरी ने बताया कि बप्पा की मूर्ति के आकार और कॉन्सेप्ट पर उत्सव के 6 महीने पहले तैयारी शुरू हो जाती है। पिछले साल बप्पा को कागज में ही राम अवतार में दिखाया गया था।
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