FTII में कुछ दिन पहले 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस की निंदा करने वाला बैनर लगाया गया था। आरोप है कि इससे नाराज कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने संस्थान के कुछ छात्रों पर कथित रूप से हमला कर दिया था। इसके बाद अब भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (FTII) के 300 से ज्यादा पूर्व छात्रों ने छात्रों पर कथित हमले के बाद एकजुटता प्रदर्शित करते हुए एक खुला पत्र लिखा है। इस पत्र पर एफटीआईआई के पूर्व छात्रों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें कई बड़े नाम भी शामिल हैं।
पत्र पर किन हस्तियों का है समर्थन?
हमले के खिलाफ लिखे गए इस ओपन लेटर पर ऑस्कर विजेता रेसुल पुकुट्टी, मशहूर निर्देशक सईद मिर्जा, फिल्मकार प्रतीक वत्स, पायल कपाड़िया, उमेश कुलकर्णी, साउंड डिजाइनर बिश्वदीप चटर्जी, फिल्म संपादक आइरीन धर मलिक और अभिनेता शार्दुल भारद्वाज का समर्थन शामिल है। लेटर में कहा गया है, ‘‘इस प्रसिद्ध फिल्म स्कूल के छात्रों पर बेखौफ हमला होते देखना दुखद है। फिल्म पेशेवरों, शिक्षकों और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारों के एक समुदाय के रूप में हम इस कठिन समय में एफटीआईआई छात्र समुदाय को अपना समर्थन देते हैं।’’
ये है पूरा मामला
बता दें कि पुणे स्थित एफटीआईआई में यह घटना उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन बाद मंगलवार को हुई। पुलिस के अनुसार, 12 से 15 अज्ञात लोग कथित तौर पर परिसर में घुस आए और नारे लगाते हुए छात्रों पर हमला किया। उन्होंने एफटीआईआई छात्र संघ (एफएसए) द्वारा लगाए गए बैनर को फाड़ दिया और उसमें आग लगा दी, जिस पर लिखा था, ‘‘रिमेम्बर बाबरी, डेथ ऑफ कॉस्टिट्यूशन’’। एफएसए ने दावा किया है कि जिन लोगों पर हमला किया गया, उनमें उसके अध्यक्ष मनकप नोकवोहम भी शामिल थे। पूर्व छात्रों के समूह ने कहा कि वे फिल्म संस्थान के छात्रों पर किये गए हमले की ‘‘स्पष्ट शब्दों में निंदा करते हैं।’’
पुलिस ने गंभीर धाराओं में किया मामला दर्ज
पुलिस ने बताया कि इस संदर्भ में भारतीय दंड संहिता की धारा 143 (गैरकानूनी सभा), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 427 (नुकसान पहुंचाना) और अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत डेक्कन पुलिस थाने में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। वहीं, पुलिस ने तीन छात्रों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153बी (1) (राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले आरोप, दावे) और 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करके उसके धर्म या धार्मिक विश्वास को ठेस पहुंचाने के इरादे से किए गए कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
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