आर्यन खान केस से चर्चित हुए पूर्व NCB अधिकारी समीर वानखेड़े ने दिखाई दरियादिली, बिहारी मजदूर की मौत के बाद उठाया ये कदम
आर्यन खान मामले के बाद समीर वानखेड़े देशभर में चर्चित हो गए थे, हालांकि बाद में उन्हें एनसीबी से कार्यमुक्त कर दिया गया था। इस समय वह चेन्नई में DGTS अफ़सर के पद पर कार्यरत हैं।
मुम्बई: शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार कर चर्चा में आए पूर्व एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े एक बार फिर से चर्चा में हैं। उन्होंने हाल ही में मुम्बई में लापरवाही से जुड़े एक मामले में एक बिहारी मज़दूर की मौत के बाद उनपर आश्रित परिजनों के प्रति चिंता जाहिर की और उनकी आर्थिक सहायता करने का फ़ैसला किया। फिलहाल चेन्नई में DGTS अफ़सर के पद पर कार्यरत समीर वानखेड़े को मुम्बई में एक लिफ़्ट से गिरकर 30 साल के एक ग़रीब बिहारी मज़दूर विनोद ध्यानी साहू की मौत के बारे में पता चला तो उन्होंने मृतक मज़दूर विनोद के परिवार वालों और उनकी पृष्ठभूमि के बारे में तमाम जानकारी इकट्ठा की।
जब समीर वानखेड़े को पता चला कि विनोद की तीन छोटी बच्चियां हैं, पत्नी, मां और तीन अविवाहित बहनें हैं तो उन्होंने फ़ौरन विनोद के परिवार से संपर्क साधा और उनकी आर्थिक रूप से मदद करते हुए उन्हें निजी तौर पर सहायता राशि मुहैया कराई। समीर वानखेड़े के इस कदम के बाद सामाजिक कार्यकर्ता निलोत्पल मृणाल ने सोशल मीडिया के ज़रिए समीर वानखेड़े की ओर से की गई आर्थिक मदद की जानकारी सार्वजनिक की।
'एक मराठी ने रखा बिहारी का ख्याल'
निलोत्पल मृणाल ने समीर वानखेड़े की इंसानियत और दरियादिली की तारीफ़ करते हुए कहा, "मुम्बई में एक दिहाड़ी के रूप में काम करनेवाले बिहारी शख़्स की मौत होने के बाद किसी भी गणमान्य बिहारी, संस्था अथवा राजनीतिज्ञ ने उनके परिवार के बारे में विचार नहीं किया, लेकिन महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने और एक मराठी होने के बावजूद समीर वानखेड़े ने इस बात का तनिक भी विचार नहीं किया और इंसानियत का धर्म निभाते हुए पीड़ित बिहारी परिवार की आर्थिक सहायता करने का सराहनीय फ़ैसला किया।"
लिफ्ट से नीचे गिरने की वजह से हो गई थी मौत
ग़ौरतलब है कि मूल रूप से बिहार के दरभंगा से ताल्लुक रखनेवाले विनोद की मौत से जुड़ा यह मामला चेंबूर में श्वेता कॉपरेटिव सोसाइटी में कार के लिफ्ट में ख़राबी से संबंधित है। वहां के ठेकेदार ने विनोद ध्यानी साहू को इस लिफ़्ट को ठीक करवाने के लिए दिहाड़ी मजूदर के तौर पर बुलाया था। जब विनोद लिफ्ट में गड़बड़ी की जांच कर रहा था तो अचानक से वह लिफ्ट नीचे गिर पड़ा जिससे विनोद की मौके पर ही मौत हो गई। उल्लेखनीय है कि सोसाइटी और ठेकेदार की लापरवाही से हुई इस दर्दनाक घटना के बाद जब विनोद के परिजन पुलिस में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे तो पुलिस ने एफ़आईआर तक दर्ज़ नहीं की। लेकिन बाद में नीलोत्पल मृणाल और स्थानीय बिहारियों द्वारा आंदोलन किये जाने के बाद इस मामले में एफ़आईआर दर्ज की गई।
नीलोत्पल मृणाल पीड़ित परिवार को मुआवजा और न्याय दिलाने के लिए सभी से सहयोग करने की अपील कर रहे हैं और इसे लेकर आंदोलन चला रहे हैं। इस बीच, एक बिहारी नहीं होते हुए भी एक मृतक बिहारी के परिवार की आर्थिक मदद करने को लेकर नीलोत्पल मृणाल ने समीर वानखेड़े की प्रशंसा की और कहा कि हमेशा लोगों के काम आनेवाले समीर वानखेड़े ने ऐसा कर एक अनूठी मिसाल कायम की है।
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