मुंबई: महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. शिवाजीराव पाटील निलंगेकर का बुधवार को 91 वर्ष की आयु में पुणे में निधन हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, निलंगेकर 2 दिन पहले ही कोरोना वायरस को मात देकर लौटे थे। महाराष्ट्र के लातूर जिले में स्थित निलंग नाम के गांव में जन्मे निलंगेकर ने 3 जून 1985 को महाराष्ट्र के 10वें मुख्यमंत्री के रूप शपथ ली थी और वह 6 मार्च 1986 तक इस पद पर बने रहे थे।
निलंगेकर के नाम सबसे कम समय तक महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री रहने का अनचाहा रिकॉर्ड है। उनसे कम समय तक इस पद पर रहने वाले पी. के. सावंत एक कार्यवाहक मुख्यमंत्री थे। निलंगेकर को अपना पद उस समय छोड़ना पड़ा जब बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनकी MD एग्जाम में उनकी बेटी के नंबरों में हेराफरी की बात सामने आने पर उनकी कड़ी आलोचना की। 6 मार्च 1986 को पद से इस्तीफा देने के बाद वह फिर कभी मुख्यमंत्री नहीं बन पाए।
निलंगेकर का महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में अच्छा-खासा प्रभाव था। वह 1990-91 में महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे थे। निलंगेकर का जीवन संघर्षों से भरा था और उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर पार्टी में पहचान बनाई थी। निलंगेकर ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी अहम योगदान दिया था। उन्होंने 1968 में महाराष्ट्र एजुकेशन ट्रस्ट की स्थापना की थी। इस ट्रस्ट ने कई प्राइमरी स्कूलों, हायर सेकेंड्री स्कूलों और सीनियर कॉलेजों की स्थापना की थी।