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महाराष्ट्र में किसान ने गन्ने की तैयार फसल जलाने के बाद खुदकुशी की

एक पुलिस अधिकारी ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जियोराई तहसील के हिंगनगांव में सुबह यह घटना घटी।

Maharashtra Farmer Suicide, Farmer Suicide, Farmer Suicide Maharashtra- India TV Hindi Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL Sugarcane Crop.  

Highlights

  • खुदकुशी करने से पहले बीड़ जिले के इस किसान ने अपने एक रिश्तेदार को फोन भी किया था।
  • फोन करने के बाद नामदेव जाधव नीम के पेड़ पर नाइलॉन की रस्सी से फंदा लगाकर लटक गया।
  • किसान को गन्ना पेराई के लिए मिल में नहीं पहुंच पाने के कारण नुकसान का डर सता रहा था।

औरंगाबाद/बीड़: महाराष्ट्र में एक किसान ने खेती में नुकसान के डर से बुधवार को आत्महत्या कर ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूबे के बीड़ जिले के 32 वर्षीय किसान नामदेव आत्माराज जाधव ने कटाई को तैयार अपनी गन्ने की फसल में बुधवार को आग लगा दी और बाद में कथित रूप से खुदकुशी कर ली। खुदकुशी करने से पहले उसने अपने एक रिश्तेदार को फोन भी किया था। बताया जा रहा है कि नामदेव को अपनी खड़ी फसल समय पर पेराई के लिए मिल में नहीं पहुंच पाने के कारण नुकसान का डर सता रहा था।

’11 बजे खेत में गया और फसल में आग लगा दी’
एक पुलिस अधिकारी ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जियोराई तहसील के हिंगनगांव में सुबह यह घटना घटी। उन्होंने बताया कि स्थानीय थाने में इस संबंध में मामला दर्ज किया गया। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘किसान नामदेव आत्माराम जाधव के पास 2 एकड़ जमीन थी जिसमें उसने गन्ने की फसल लगायी थी। पूर्वाह्न करीब 11 बजे किसान अपने खेत में गया और गन्ने की खड़ी फसल में आग लगा दी। उसने पड़ोस के गांव में रह रहे अपने एक रिश्तेदार को फोन किया और उससे कहा कि वह खुदकुशी कर रहा है क्योंकि उसका गन्ना पेराई के लिए मिल में नहीं ले जाया जा सका।’

‘नाइलॉन की रस्सी से फंदा लगाकर लटक गया’
अधिकारी ने कहा, ‘फोन करने के बाद नामदेव जाधव नीम के पेड़ पर नाइलॉन की रस्सी से फंदा लगाकर लटक गया। गेवराई थाने में मामला दर्ज किया गया और जांच चल रही है।’ इस संबंध में संपर्क करने पर किसान संगठन शेतकारी संघटना के सदस्य कालीदास अपेट ने कहा, ‘महाराष्ट्र में 2 गन्ना पेराई मिलों के बीच बहुत फासला है (नयी गन्ना मिल लगाने के समय गन्ना मिलों के बीच दूरी संबंधी नियमों का पालन जरूरी है) फलस्वरूप पिछले कुछ सालों में महाराष्ट्र में एक भी नयी गन्ना मिल नहीं खुली।’