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Hindi News महाराष्ट्र महाराष्ट्र चुनावः हाय रे राजनीति! पत्नी ने पति को, बाप ने बेटी को, भाई ने बहन को हराया, जानें ऐसी सीटों का हाल

महाराष्ट्र चुनावः हाय रे राजनीति! पत्नी ने पति को, बाप ने बेटी को, भाई ने बहन को हराया, जानें ऐसी सीटों का हाल

गढ़चिरौली के अहेरी निर्वाचन क्षेत्र एनसीपी के नेता और राज्य मंत्री धरमरावबाबा अत्राम अपनी बेटी के ही खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। बेटी भाग्यश्री आत्राम चुनाव हार गई।

अजीत पवार- India TV Hindi Image Source : PTI अजीत पवार

मुंबईः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शरद पवार परिवार समेत कई राजनीतिक परिवारों के सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ थे। चुनाव में किसी को जीत मिली तो किसी को अपनों ने ही हरा दिया। शरद पवार के भतीजे अजीत पवार अपने सगे भतीजे के खिलाफ बारामती से चुनाव लड़ रहे थे। बारामती में उन्होंने एक बार फिर बड़ी जीत दर्ज की। अजीत पवार ने अपने बड़े भाई के बेटे युगेंद्र पवार को एक लाख से अधिक वोटों से हराया और आठवीं बार जीत हासिल की।

संजना जाधव ने पूर्व पति को हराया

वहीं, मराठवाड़ा क्षेत्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले के कन्नड़ विधानसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे की बेटी संजना जाधव अपने पूर्व पति के खिलाफ चुनाव लड़ रही थीं। संजना को अपने से अलग हो चुके पति हर्षवर्द्धन जाधव से कड़ी टक्कर मिली। हालांकि जीत अंत में संजना जाधव को ही हुई। संजना को 84,492 वोट मिले और उन्होंने हर्षवर्द्धन को 18,201 वोटों के अंतर से हराया। संजना के भाई संतोष रावसाहेब दानवे जालना जिले में बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर भोकरदन सीट से जीत दर्ज की।

पिता ने बेटी को हराया

गढ़चिरौली के अहेरी निर्वाचन क्षेत्र एनसीपी के नेता और राज्य मंत्री धरमरावबाबा अत्राम अपनी बेटी के ही खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। बेटी भाग्यश्री आत्राम चुनाव हार गई। धरमरावबाबा ने बड़े अंतर से सीट जीतकर अपना राजनीतिक प्रभुत्व साबित किया, जबकि भाग्यश्री तीसरे स्थान पर रहीं।

भाई ने बहन को हराया

 इसी तरह, नांदेड़ के लोहा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के पूर्व लोकसभा सदस्य प्रताप पाटिल चिखलीकर ने राकांपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। चिखलीकर ने अपनी बहन आशाबाई शिंदे को हराया, जो पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं।

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की सभी 288 सीट के लिए शनिवार को घोषित नतीजों में 21 महिला उम्मीदवार विजयी रहीं लेकिन इनमें से केवल ही महिला विपक्षी दल से है। सबसे ज्यादा 14 महिला उम्मीदवार भाजपा के टिकट पर जीती हैं और इनमें से 10 फिर से निर्वाचित हुई हैं।