चाहे दूध हो या फसल किसान ज्यादा उत्पादन के चक्कर में दिन-रात लगे रहते हैं। इसी सिलसिले में 'ऑक्सीटोसिन' का खूब प्रयोग हो रहा है। जबकि लोग यह भूल जा रहे हैं कि इसके प्रयोग से उत्पादन तो बढ़ेगा लेकिन उसकी गुणवत्ता भी प्रभावित होगी। यही वजह है कि दूध और फल खाने के बाद भी लोग आजकल कई बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार पशुओं को ऑक्सीटोसिन देकर निकाला गया दूध किसी जहर से कम नहीं है। इसके सेवन से शरीर का अंग प्रभावित होता है। महिलाओं को गर्भपात का खतरा रहता है। वहीं बच्चों में भी कई बीमारियां हो जाती हैं।
क्या है ऑक्सीटोसिन?
ऑक्सीटोसिन एक हार्मोन है। इसे लव हार्मोन कहते हैं। यौन प्रजनन, सामाजिक संबंध, बच्चे का जन्म और उसके बाद महिलाओं को होने वाले मासिक धर्म में ऑक्सीटोसिन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हार्मोन हाइपोथैलेमस से उत्पन्न होता है। जब मनुष्य प्रजनन करता है, तो उसके पिट्यूटरी ग्रंथियों द्वारा जो हार्मोन स्त्रावित होता है उसे ही ऑक्सीटोसिन कहते हैं।
अवैध ऑक्सीटोसिन बनाने वाली कंपनी का भंडाभोड़
पुणे पुलिस ने अवैध रूप से ऑक्सीटोसिन बनाने वाली एक कंपनी पर छापा मारा है। मौके से पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं 52 लाख रुपये पुलिस ने जब्त कर लिया है। यह कंपनी शहर के कलवाड़ बस्ती लोहगांव में स्थित है। कंपनी मालिक समीर कुरैशी समेत चार लोगों को पुलिस ने छापेमारी के दौरान दबोच लिया। कार्रवाई के दौरान पुलिस निरीक्षक विनायक गायकवाड़ भी मौजूद रहे। इस नकली इंजेक्शन के कारण इलाके के कई पशुओं और नागरिकों को कई बीमारियों का सामना करना पड़ा है। खबर के मुताबिक इस इंजेक्शन की वजह से कई महिलाओं को गर्भपात हो गया। वहीं कई बच्चों को पीलिया की बीमारी हो गई।