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Hindi News महाराष्ट्र एकनाथ खडसे ने छोड़ा BJP का साथ, शुक्रवार को NCP में होंगे शामिल

एकनाथ खडसे ने छोड़ा BJP का साथ, शुक्रवार को NCP में होंगे शामिल

भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद 2016 में तत्कालीन भाजपा सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने बाद से ही खडसे नाराज चल रहे थे। पिछले कुछ दिनों से ही खडसे के भाजपा छोड़ने और शरद पवार नीत पार्टी में शामिल होने की खबरें चर्चा में थी।

<p><span style="color: #626262; background-color:...- India TV Hindi Image Source : FILE Eknath Khadse left BJP today

मुंबई। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कदावर नेता रहे एकनाथ खडसे (Eknath Khadse) ने आज भाजपा को छोड़ दिया है और शुक्रवार को खडसे शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल होने जा रहे हैं। महाराष्ट्र में NCP के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा है कि एकनाथ खडसे शुक्रवार दोपहर 2 बजे एनसीपी में शामिल हो रहे हैं। 

भारतीय जनता पार्टी ने भी एकनाथ खडसे के त्यागपत्र की पुष्टि की है। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि एकनाथ खडसे ने बुधवार सुबह पार्टी से त्यागपत्र दे दिया था जिसे पार्टी ने स्वीकार भी किया है। चंद्रकांत पाटिल ने नई पार्टी में शामिल होने के लिए एकनाथ खडसे को शुभकामनाएं दी हैं। 

Image Source : India TVResignation letter of Eknath Khadse

एकनाथ खडसे कई दिनों से भारतीय जनता पार्टी से नाराज चल रहे हैं और महाराष्ट्र में पार्टी के नेतृत्व पर कई बार निशाना साध चुके थे। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने खडसे की जगह उनकी बेटी को टिकट दिया था लेकिन चुनाव में उनकी बेटी भी हार गई थी। 

भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद 2016 में तत्कालीन भाजपा सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने बाद से ही खडसे नाराज चल रहे थे। पिछले कुछ दिनों से ही खडसे के भाजपा छोड़ने और शरद पवार नीत पार्टी में शामिल होने की खबरें चर्चा में थी।

एकनाथ खडसे की गिनती महाराष्ट्र भाजपा के कदावर नेताओं में होती रही है, खडसे जलगांव जिले के मुक्ताईनगर से 6 बार बीजेपी के विधायक रहे हैं। एकनाथ खडसे 1995 की शिवसेना-बीजेपी सरकार में वित्त मंत्री,जलसंपदा मंत्री रहे और इसके बाद 2009 से 2014  विधानसभा के विपक्ष के नेता रहे। 2014 के दौरान जब महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती तो एकनाथ खडसे के पास उसमें राजस्व मंत्रालय के अलावा करीब दर्जन भर विभागों का कार्यभार था। पुणे के जमीन विवाद में उनका नाम आने की वजह से उन्हें त्यागपत्र देना पड़ा था और तभी से महाराष्ट्र भाजपा के नेताओं से साथ उनकी दाल नहीं गल रही है। 2019 विधानसभा चुनाव के वक्त खडसे को टिकट नकारते हुए उनकी बेटी को टिकट दिया गया था जिसमे वो चुनाव हार गयी थी।