मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े 100 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में और सबूत जुटाए हैं और सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी द्वारा पूरक चार्जशीट के साथ 3 जनवरी को मुकदमा दायर करने की संभावना है। ईडी ने देशमुख को 2 नवंबर को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद उन्हें ईडी के अनुरोध पर संबंधित मुंबई कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
ईडी के सूत्रों ने बताया कि Supplementary Chargesheet तैयार है और वे इसे संबंधित अदालत में दाखिल करने के लिए कानूनी राय ले रहे हैं। वे अपने द्वारा इक्ठ्ठे किए गए सबूतों की जांच कर रहे हैं और सभी साक्ष्यों की जांच कर रहे हैं। सूत्र ने कहा, "हमारे पास 12 आईपीएस अधिकारियों, अनिल परब, महाराष्ट्र राज्य परिवहन मंत्री, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव सीताराम कुंटे की गवाही है।"
उनपर आरोप था कि अनिल देशमुख की सिफारिश के बाद अधिकारियों को अनुकूल पद दिए गए। सूत्रों ने कहा कि सबूतों की मदद से वे अदालत के समक्ष अपना मामला साबित कर सकेंगे।
सूत्रों ने कहा कि अगर ईडी 60 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करने में विफल रहता है, तो अनिल देशमुख को डिफॉल्ट जमानत मिल जाएगी, जो ईडी नहीं चाहता है।
ईडी ने इस साल 24 अगस्त को अपना पहला चार्जशीट दाखिल किया था। अनिल देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद से ही वह लापता हो गए। बाद में वह 2 नवंबर को जांच में शामिल होने के लिए जांच एजेंसी के सामने पेश हुए और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
ईडी का मामला सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित है। देशमुख ने कथित तौर पर अब बर्खास्त मुंबई पुलिस के सहायक निरीक्षक सचिन वाजे को मुंबई के बार और रेस्तरां से हर महीने 100 करोड़ रुपये लेने के लिए कहा था। आरोप यह भी हैं कि देशमुख ने कुछ आईपीएस अधिकारियों को अनुकूल तबादला पोस्टिंग दी। ईडी इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस तरह के ट्रांसफर और पोस्टिंग में पैसे की पेशकश की गई थी।
इनपुट- आईएएनएस