A
Hindi News महाराष्ट्र देवेंद्र फडणवीस ने इंदिरा नाम के कारण छोड़ दिया था स्कूल, जानिए छात्र जीवन के रोचक किस्से

देवेंद्र फडणवीस ने इंदिरा नाम के कारण छोड़ दिया था स्कूल, जानिए छात्र जीवन के रोचक किस्से

स्कूल से एक किलोमीटर की दूरी पर देवेंद्र फडणवीस का घर था। कभी वह साइकिल से स्कूल आते थे तो कभी वह पैदल ही आ जाते थे। क्लास में वे सबसे अंतिम बेंच पर बैठते थे।

देवेंद्र फडणवीस- India TV Hindi Image Source : PTI देवेंद्र फडणवीस

मुंबई: देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार महाराष्ट्र की कमान संभालने जा रहे हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर में अनेक ऊंचाइयों को छुआ है। 22 जुलाई 1970 को नागपुर में जन्मे देवेंद्र फडणवीस ने 22 साल की उम्र में यानी 1992 में राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। उनकी शुरुआती शिक्षा नागपुर में ही हुई। नागपुर के शंकर नगर स्थित सरस्वती विद्यालय में देवेंद्र फडणवीस ने दूसरी क्लास से अपनी पढ़ाई शुरू की। इससे पहले वह इंदिरा गांधी कान्वेंट में पढ़ते थे, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में इमरजेंसी लगा दी थी।  इमरजेंसी के दौरान देवेंद्र फडणवीस के पिता गंगाधर फडणवीस उनको जेल में डाल दिया गया था, इससे उनके मन में इंदिरा गांधी के प्रति चिढ हो गई थी। फडणवीस ने इंदिरा कॉन्वेंट से अपना नाम वापस ले लिया और सरस्वती विद्यालय में दाखिला लिया। यहीं से उन्होंने आगे की पढ़ाई को पूरी की। यह बात देवेंद्र फडणवीस के क्लास में पढ़ने वाले उनके दोस्तों के साथ-साथ उनकी क्लास टीचर ने इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत के दौरान कही।

क्लास में सबसे अंतिम बेंच पर बैठते थे फडणवीस

देवेंद्र फडणवीस के बचपन के दोस्त डॉ निशित विजय, विवेक मिश्रा, मुकुल बरानपुरे ने बताया कि देवेंद्र फडणवीस पढ़ाई में सामान्य विद्यार्थी थे। स्कूल से एक किलोमीटर की दूरी पर उनका घर था। कभी वह साइकिल से स्कूल आते थे  तो कभी वह पैदल ही आ जाते थे। क्लास में सबसे अंतिम बेंच पर बैठने वाले देवेंद्र फडणवीस पढ़ाई में एक सामान्य विद्यार्थी थे। क्लास में दोस्तों के बीच जबरदस्त एकता थी। इस एकता की वजह से कई बार देवेंद्र फडणवीस के साथ-साथ दोस्तों को भी किसी और की गलती की वजह से मार पड़ती थी।

Image Source : INDIA TVदेवेंद्र फडणवीस ने इसी स्कूल में की थी पढ़ाई

फडणवीस को समोसा काफी पसंद

दोस्तों ने पुराने समय को याद करते हुए कहा कि एक बार इन दोस्तों ने मिलकर गैदरिंग के दौरान कॉलेज के बाथरूम में सुतली बम छोड़ दिए थे। जैसे वह सुतली बम फटा सभी को पनिशमेंट मिली थी। दोस्तों का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस को समोसे काफी ज्यादा पसंद थे। एक रुपये पॉकेट मनी मिलती थी तो 50 पैसे का समोसा वे स्कूल के ही बगल प्रीति कॉनर्र पर खाते थे। आज भी प्रीति कॉर्नर के समोसे को काफी पसंद किया जाता है। फडणवीस के स्टाफ यहां से समोसे पैक करा कर अभी भी उनके लिए लेकर जाते हैं। 

फडणवीस सामान्य विद्यार्थी 

दोस्तों ने कहा कि देवेंद्र फडनवीस के पिता विधायक थे, लेकिन उनमें थोड़ा भी गुरुर नहीं था। फडणवीस सामान्य विद्यार्थी थे। इनके बड़े भाई आशीष को राजनीति में उसे दौरान रुचि थी, दोस्तों ने बताया कि उस समय वह गाना भी गाते थे। कुछ समय पहले पुराने छात्रों का रियूनियन हुआ था, उस दौरान फडणवीस और उनकी पत्नी दोनों ने गाना गया था और काफी एंजॉय भी किया था। दोस्तों ने बताया कि कभी बदमाशी नहीं करते थे। दोस्तों ने कहा कि ये लोग मुर्गा बने लेकिन कभी देवेंद्र फडणवीस को इस तरीके से पनिशमेंट नहीं मिली। सामूहिक बदमाशी की वजह से उन्हें पनिशमेंट मिलती थी।

टीचर्स को कभी कोई शिकायत नहीं

देवेंद्र फडणवीस की क्लास टीचर सावित्री अय्यर ने बताया कि वह 3 सालों तक देवेंद्र फडणवीस की क्लास टीचर रही हैं। उन्हें हिंदी पढ़ाती थीं। देवेंद्र फडणवीस एक सामान्य विद्यार्थी रहे, आज भी जब देवेंद्र फडणवीस उनसे मिलते हैं तो काफी विनम्र होकर मिलते हैं। हाइट ज्यादा होने की वजह से सबसे अंतिम बेंच पर बैठते थे। क्लास टीचर सावित्री ने बताया कि देवेंद्र पढ़ाई लिखाई में सामान्य थे। स्वभाव में काफी  विनम्र थे। वे अपने काम से कम रखने वाले छात्र थे। अलग-अलग विषयों को पढ़ाने वाले शिक्षिकाओं को भी कोई उनसे शिकायत नहीं रहती थी।