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Hindi News महाराष्ट्र 'तेरे जैसा यार कहां', जिगरी दोस्त हैं देवेंद्र फडणवीस और धनंजय मुंडे, कई बार की एक दूसरे की मदद

'तेरे जैसा यार कहां', जिगरी दोस्त हैं देवेंद्र फडणवीस और धनंजय मुंडे, कई बार की एक दूसरे की मदद

एनसीपी नेता धनंजय मुंडे और देवेंद्र फडणवीस की दोस्ती काफी पुरानी है। साल 1990 के दशक में दोनों की दोस्ती हुई और यह दोस्ती आजतक कायम है। देवेंद्र फडणवीस और धनंजय मुंडे कई मौकों पर एक दूसरे का साथ दे चुके हैं।

Devendra fadnavis and Dhananjay Munde friendship in Maharashtra they always help each other- India TV Hindi Image Source : PTI देवेंद्र फडणवीस और धनंजय मुंडे

देवेंद्र फडणवीस आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। आज शाम 5 बजे देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार सीएम पद की शपथ लेंगे। वहीं एकनाथ शिंदे और अजित पवार डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने वाले हैं। शपथ ग्रहण समारोह के लिए निमंत्रण पत्र भी जारी किए जा चुके हैं। मुंबई के आजाद मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जा रहा है। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत केंद्र सरकार के कई मंत्री, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समेत कुल 70 वीवीआईपी शामिल होंगे। इसके अलावा 400 से ज्यादा साधु संतों को भी शपथ समारोह में बुलाया गया है।

तेरे जैसा यार कहां?

महाराष्ट्र की सियासत का एक नाम है धनंजय मुंडे। धनंजय मुंडे एनसीपी के नेता हैं और उन्हें देंवेद्र फडणवीस का जिगरी यार कहा जाता है। इन दोनों के बीच दोस्ती 90 के दशक में शुरू हुई थी। भारतीय युवा मोर्चा में दोनों नेताओं ने उपाध्यक्ष के तौर पर काम किया। दोनों ने साथ में कई आंदोलनों में भाग लिया। साल 1999 में देवेंद्र फडणवीस ने जब पहली बार विधानसभा चुनाव लड़, तब देवेंद्र को टिकट दिलाने के लिए युवा मोर्चा ने बहुत जोर लगाया। धनंजय और उनके साथी उस दौरान तब तक डटे रहे, जब तक कि देवेंद्र फडणवीस को टिकट नहीं मिल गया।

देवेंद्र फडणवीस के जिगरी यार धनंजय मुंडे

धनंजय मुंडे जब भी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए नागपुर जाते थे, तब देवेंद्र फडणवीस के घर से धनंजय के लिए टिफिन जाता था। साल 2019 में भाजपा की उम्मीदवार पंकजा मुंडे थीं, बावजूद इसके देवेंद्र फडणवीस ने छुपे रूप से धनंजय मुंडे का साथ दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि पंकजा हार गईं और धनंजय मुंडे चुनाव जीत गए। जिगरी यार होने के बावजूद दोनों नेताओं ने अपने राजधर्म से समझौता नहीं किया। साल 2014 में देवेंद्र फडणवीस सीएम थे और धनंजय मुंडे विधान परिषद में नेता विपक्ष थे। धनंजय मुंडे ने युवा देवेंद्र से जुड़ी कई यादों को इस दौरान साझा किया। उन्होंने फडणवीस के पहले मॉडलिंग असाइनमेंट के बारे में बताया और उनके संघर्षों के बारे में भी बताया