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Hindi News महाराष्ट्र 'अमरावती हिंसा एक साजिश, हिंदू संगठनों पर हुई ‘एकतरफा’ पुलिस कार्रवाई', देवेंद्र फडणवीस का आरोप

'अमरावती हिंसा एक साजिश, हिंदू संगठनों पर हुई ‘एकतरफा’ पुलिस कार्रवाई', देवेंद्र फडणवीस का आरोप

बता दें कि त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक घटनाओं के विरोध में रजा अकादमी सहित कुछ संगठनों की रैलियों के बाद 12 और 13 नवंबर को अमरावती और राज्य के अन्य हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी।

'अमरावती हिंसा एक साजिश, हिंदू संगठनों पर हुई ‘एकतरफा’ पुलिस कार्रवाई', देवेंद्र फडणवीस का आरोप- India TV Hindi Image Source : PTI 'अमरावती हिंसा एक साजिश, हिंदू संगठनों पर हुई ‘एकतरफा’ पुलिस कार्रवाई', देवेंद्र फडणवीस का आरोप

Highlights

  • कई शहरो में 12 और 13 नवंबर को हुई थी हिंसा
  • मसानगंज और हनुमाननगर में घायलों से मिले फडणवीस
  • फडणवीस ने दी ‘जेल भरो’ आंदोलन की चेतावनी

अमरावती/मुंबई: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के अमरावती और कुछ अन्य शहरों में हाल में भड़की हिंसा राज्य में अशांति फैलाने की सुनियोजित कोशिश थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद भाजपा और हिंदू संगठनों के खिलाफ शुरू हुई पुलिस की ‘‘एकतरफा’’ कार्रवाई तुरंत रुकनी चाहिए और ऐसा न किए जाने पर भाजपा ‘जेल भरो’ आंदोलन शुरू करेगी। फडणवीस ने राज्य में इस्लामी संगठन रजा अकादमी पर प्रतिबंध लगाने के लिए महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को भी चुनौती दी। 

त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक घटनाओं के विरोध में रजा अकादमी सहित कुछ संगठनों की रैलियों के बाद 12 और 13 नवंबर को अमरावती और राज्य के अन्य हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी। फडणवीस ने रविवार को अमरावती में मसानगंज और हनुमाननगर इलाकों का दौरा किया और एक अस्पताल में भर्ती, हिंसा में घायल हुए लोगों से मुलाकात की। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र सरकार पर 12 नवंबर की हिंसा की घटनाओं की अनदेखी करने और इसके अगले दिन प्रतिक्रिया स्वरूप हुई घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करने का आरोप लगाया। 

फडणवीस के आरोपों पर महाराष्ट्र की मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा कि भाजपा को घटनाक्रम का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए और फडणवीस जैसे जिम्मेदार नेता को ‘‘वोटबैंक की राजनीति’’ में लिप्त होकर माहौल को खराब नहीं करना चाहिए। ठाकुर ने यह भी कहा कि रजा अकादमी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है और इस मुद्दे पर राज्य मंत्रिमंडल में चर्चा की जाएगी। 

त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ 12 नवंबर को प्रदर्शन कर रहे कुछ मुस्लिम संगठनों की रैलियों के दौरान राज्य के अनेक शहरों में पथराव हुआ था। अमरावती, नांदेड़, मालेगांव, वाशिम और यवतमाल जिलों से ऐसी घटनाएं सामने आई थीं। अगले दिन भाजपा द्वारा आहूत बंद के दौरान अमरावती के राजकमल चौक पर भीड़ ने दुकानों पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा। 

पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, ‘‘अमरावती और राज्य में अन्य जगहों पर 12 नवंबर को निकाला गया जुलूस झूठी सूचनाओं पर आधारित था। यह राज्य में अशांति पैदा करने की सुनियोजित कोशिश थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसकी जांच होनी चाहिए। जिन्होंने इसकी साजिश रची, उनकी पहचान होनी चाहिए और उनका मकसद पता चलना चाहिए। राज्य में शांति बाधित करने की साजिश रची गई।’’

फडणवीस ने कहा कि भाजपा, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ ‘‘एकतरफा’ कार्रवाई रुकनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता और पुलिस हिंदू संगठनों और उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करती रही, तो भाजपा ‘जेल भरो’ आंदोलन शुरू करेगी। 

उन्होंने कहा, ‘‘12 नवंबर की हिंसा की पूरी तरह अनदेखी कर केवल 13 नवंबर पर ध्यान देना अत्यंत निंदनीय है। राज्य सरकार 12 नवंबर की हिंसा पर चुप क्यों है? इस चुप्पी के पीछे मकसद क्या है? क्या वह मतों का ध्रुवीकरण चाहती है? मैं इसकी निंदा करता हूं।’’ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘हम शांति स्थापित करने में तंत्र के साथ सहयोग करना चाहते हैं, लेकिन उसे हमारे साथ सहयोग करना चाहिए।’’ 

उन्होंने पूछा कि क्या 12 नवंबर के विरोध मार्च की अनुमति ली गई थी। फडणवीस ने राज्य की महिला और बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर पर भी हिंसा को लेकर निशाना साधा, जो अमरावती की प्रभारी मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यशोमती ठाकुर 12 नवंबर की हिंसा पर क्यों नहीं बोलतीं? उन्होंने उस घटना पर एक भी शब्द नहीं बोला।’’ 

बाद में, मुंबई में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ठाकुर ने कहा कि फडणवीस अमरावती और अन्य स्थानों पर हिंसा को लेकर निराधार आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने विपक्षी दल को सांप्रदायिक कलह पैदा करने के खिलाफ चेतावनी दी। ठाकुर ने कहा, ‘‘भाजपा को दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।’’