A
Hindi News महाराष्ट्र 'विकास जरूरी है लेकिन विचारधारा भी बेहद जरूरी', एनसीपी की स्थापना दिवस पर एनडीए को लेकर बोले अजित पवार

'विकास जरूरी है लेकिन विचारधारा भी बेहद जरूरी', एनसीपी की स्थापना दिवस पर एनडीए को लेकर बोले अजित पवार

एनसीपी की स्थापना दिवस पर अजित पवार ने कहा कि हम विकास के मुद्दे पर एनडीए के साथ गए हैं। विकास जरूरी है लेकिन विचारधारा भी बेहद जरूरी है।

अजित पवार- India TV Hindi Image Source : FILE अजित पवार

मुंबई: राष्ट्र्वादी कांग्रेस अजित पवार गुट की ओर से पार्टी का 25वां स्थापना दिवस शहर के शन्नमुखानद हॉल में मनाया गया। इस कार्यक्रम में अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल, सुनील तटकरे के अलावा पार्टी तमाम विधायक व पदाधिकारी मौजूद रहे। अजित पवार ने लोकसभा चुनाव में पार्टी  के निराशाजनक प्रदर्शन का जिक्र करते हुए विचारधारा पर जोर देते हुए कहा कि फुले, साहू ,आम्बेडकर की विचारधारा हमारी थी और रहेगी। हम इस विचारधारा से कभी अलग नहीं हो सकते, विकास के मुद्दे पर हम एनडीए के साथ गए हैं, विकास जरूरी है लेकिन विचारधारा भी बहुत जरूरी है, विचारधारा आत्मा है और आत्मा के बिना कोई जीवित नहीं रह सकता।

शरद पवार का भी किया जिक्र

अजित पवार ने इस पर आगे कहा कि राष्ट्र्वादी कांग्रेस की स्थापना और उसके विस्तार में कई नेताओं का योगदान है। शरद पवार का भी राष्ट्र्वादी कांग्रेस के विस्तार में योगदान है। मैं उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। हमने राज्य में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जैसे- हमने डांस बार बंद करना हो या गुटखा पर पाबंदी हो। देश की राजनीतिक परिस्थिति हमेशा बदलती रहती है। कई लोगों के अंदाज गलत साबित हुए। कल मैं दिल्ली में था मेरी बातचीत जेपी नड्डा, अमित शाह से हुई, हम बात कर रहे थे लोकसभा की एक ही सीट आई है इसलिए हमें एक स्वतंत्र मंत्रालय राज्यमंत्री का पद दिया जा रहा था लेकिन हमने मना कर दिया क्योंकि प्रफुल्ल पटेल कैबिनेट मंत्री रह चुके ही इसलिए हमने राज्यमंत्री पद लेने से मना कर दिया। लेकिन हम एनडीए के साथ ही रहेंगे यह भी हमने स्पष्ट किया है।

'विकास जरूरी है लेकिन विचारधारा भी बेहद जरूरी'

अजित ने आगे कहा कि हम भले ही महायुती में है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हमने महात्मा फुले, साहू महाराज और डॉ. बाबा साहब आम्बेडकर की विचारधारा छोड़ी है। महायुती में एनडीए में आने से पहले ही हमने स्पष्ट कर दिया था कि हम फुले साहू आम्बेडकर की विचारधारा लेकर ही साथ चलेंगे और उन्होंने ने भी हमारी विचारधारा को स्वीकार किया। संविधान बदलने को लेकर विपक्ष ने एक गलत नरैटिव हमारे बारे में सेट किया। प्रधानमंत्री ने कल सबसे पहले संविधान को माथे से लगाया है। सोशल मीडिया को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता जैसे चंद्रबाबू नायडू और शिवराज चौहान योजना लेकर अपने राज्य में आए, हमें भी महाराष्ट्र के लिए बड़ी परियोजना लानी होगी। कापस, सोयाबीन, दूध और प्याज की कीमत पर हम काम करेंगे कि किसान को अच्छे दाम मिलने चाहिए प्याज ने तो सभी को रुलाया, प्याज की वजह से कई सीट हम हारे हैं

अजित पवार ने आगे कहा कि फुले, साहू ,आम्बेडकर की विचारधारा हमारी थी और रहेगी, हम इस विचारधारा से कभी अलग नहीं हो सकते। विकास के मुद्दे पर हम एनडीए के साथ गए है, विकास जरूरी है लेकिन विचारधारा भी बेहद जरूरी है विचारधारा आत्मा है और आत्मा के बिना कोई जीवित नहीं रह सकता। एनडीए की बैठक में हमारी प्रधानमंत्री के साथ चर्चा हुई उस वक्त उन्होंने स्पष्ट किया कि अगले 100 दिन का रोड मैप तयार किया है। जो सामाजिक घटक हमसे दूर गया है उसे हमें साथ में लेना है। चिराग पासवान भी एनडीए का हिस्सा है लेकिन पिछड़ा वर्ग भी उनके साथ रहा।

'दिल्ली के सामने लाचार होने का सवाल ही नहीं'

इसके बाद महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने अपने भाषण में कहा कि 2016 में भी हम भाजपा के साथ जाने वाले थे, शपथ की तारीख तय करने के लिए तब हमें कहा गया कि सरकार में शिवसेना भी शामिल रहेगी लेकिन हमने शिवसेना के साथ राज्य में सरकार नहीं बनाई। अब ये कहा जा रहा है कि भाजपा एनसीपी को महत्व नहीं दे रही ऐसा हमारे विरोधक ये प्रचार कर रहे हैं। दिल्ली के सामने लाचार होने का सवाल ही नहीं उठता, हमें चार सीट मिली थी पर मूलरूप से देखे तो हमारी एक ही सीट थी और वो रायगढ की सीट हम जीते हैं। मेरी राष्ट्र्वादी कांग्रेस के सभी मंत्री से विनती हैं कि विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग के बारे में कुछ भी न बोलें क्योंकि आप कुछ बोलते है तो मित्रपक्ष की ओर से भी कोई बोलता है और सीट शेयरिंग की चर्चा बिगड़ जाती है। हम 53 विधानसभा सीट के आगे ही हम विधानसभा में सीट शेयरिंग करेंगे। केंद्र में हमें भी मंत्री पद मिलेगा।

प्रफुल्ल पटेल के विवाद को लेकर बताई सच्चाई

मैंने खुद अजित पवार से परसों कहा था कि हमारी पार्टी को एक ही मंत्री पद मिल सकता है इसलिए वह मंत्री पद वरिष्ठता और अनुभव के आधार पर प्रफ्फुल पटेल को ही दिया जाए इसलिए जो खबरें कल चल रही कि मेरे और प्रफुल्ल पटेल में विवाद है, यह खबर गलत है। शिवराज सिंह चौव्हान 9 लाख वोट से चुनाव जीते हैं क्योंकि महिलाओं के लिए उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश में जो योजना लागू की उसका फायदा उन्हें मिला। मैं अजित पवार से भी विनती करूंगा इस बार बतौर वित्तमंत्री जब से बजट पेश करेंगे उस वक्त ऐसी ही कोई योजना महिलाओं के लिए लाएं। वहीं, संजय राउत को लेकर कहा कि राउत का कहना है मुझे कि हमारे हाथ में कद्दू नहीं है आने वाले विधानसभा के चुनाव में हम सिद्ध करेंगे।

'पार्टी की रणनीति और एनडीए की रणनीति अलग होनी चाहिए'

बाबा सिद्धिकी ने अपने भाषण में कहा कि हमारी पार्टी की रणनीति और एनडीए की रणनीति अलग होनी चाहिए। चंद्रबाबू नायडू 4 प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण की हिमायत करते है इसलिए हमें भी आरक्षण देते वक्त मुद्दे पर सोचना चाहिए, हमें सर्व समाज के साथ ही काम करना है।

'दलित, मुस्लिम और आदिवासी समुदाय पर विचार करना चाहिए'

छगन भुजबल ने अपने भाषण कई मुद्दे उठाए। भुजबल ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को झटका लगा है और हमें रास्ते के पत्थर हटाने होंगे। मुंबई के चुनाव की बात करें तो मुंबई में हर जगह विकास कार्य चल रहे हैं, मुझे तो लगा मुंबई में सारी सीट आएगी लेकिन मुंबई में कितने चुनकर आए। दलित, मुस्लिम और आदिवासी समुदाय ने हमें क्यों छोड़ा? इस पर विचार किया जाना चाहिए। हम तभी सफल होंगे जब हम इस बीमारी का इलाज ढूंढ लेंगे। हमने भी 400 पार की बात कही लेकिन लोगों को लगा की 400 पार यानी संविधान बदलने का अभियान चलाया जा रहा है। मोदी ने एक इंटरव्यू में 15 मिनट तक इस पर बात कही लेकिन ये बात बाद में कही, लेकिन तब तक कैंपेन खत्म हो चुका था। लोगों को लगा समझा गया कि संविधान बदलने का मतलब आरक्षण है।

ये भी पढ़ें:

Maharashtra: विधानसभा चुनाव से पहले बदलेगी महाराष्ट्र की राजनीति? भतीजे अजित ने चाचा शरद को दिया धन्यवाद
'हमारा समाज विविधताओं से भरा हुआ, विविधता भी हमारी एकता का आविष्कार,'- RSS चीफ मोहन भागवत