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Hindi News महाराष्ट्र मानवता शर्मसार! बेसहारा मरीज ने हादसे में पैर गंवाए, डॉक्टरों ने अस्पताल से निकालकर सड़क पर छोड़ा

मानवता शर्मसार! बेसहारा मरीज ने हादसे में पैर गंवाए, डॉक्टरों ने अस्पताल से निकालकर सड़क पर छोड़ा

पुणे से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां के एक अस्पताल में भर्ती कराए गए एक बेसहारा मरीज को डॉक्टरों ने सड़क पर बेसहारा छोड़ दिया। बस हादसे में इस मरीज के दोनों पैर कुचले गए थे।

Sassoon hospital - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO ससून जनरल अस्पताल

पुणे में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि ससून जनरल अस्पताल में भर्ती कराए गए एक बेसहारा मरीज़ को एक डॉक्टर अपने साथी के साथ अस्पताल से ले गया और कई किलोमीटर दूर सड़क पर बेसहारा छोड़ दिया। एक बस हादसे में इस व्यक्ति के पैर कुचले गए थे। एक सामाजिक संगठन के सदस्यों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुणे पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 125 (जीवन या अन्य की व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में डालना) के तहत मामला दर्ज किया है।

सामाजिक कार्यकर्ता ने रखी निगरानी, फिर हुआ पर्दाफाश

संगठन के सदस्य रितेश गायकवाड़ ने कहा कि वह बेसहारा और सड़कों पर रहने वाले लोगों के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा, “ हम आम तौर पर किसी आपात स्थिति में ऐसे मरीजों को इलाज के लिए ससून जनरल अस्पताल ले जाते हैं। लेकिन हाल में हमें पता चला कि अस्पताल के अधिकारी बेसहारा मरीजों को कहीं और ले जाकर छोड़ देते हैं।” गायकवाड़ ने कहा, “फिर हमने जाल बिछाने का फैसला किया और रात के दौरान अस्पताल के आसपास निगरानी रखने लगे और मैं ऑटोरिक्शा चालक बना।”

उन्होंने बताया कि 22 जुलाई के तड़के जब वह ऑटोरिक्शा लेकर अस्पताल के द्वार के बाहर थे, तो ससून अस्पताल का एक डॉक्टर उनके पास आया और उनसे कहा कि वह एक मरीज को बाहर ले जाना चाहता है। गायकवाड़ ने कहा, “मैंने तुरंत हामी भर दी। उसने ऐसे मरीज़ को ऑटो रिक्शा में बिठाया जिसके पैर नहीं थे और बाइक पर सवार दोनों डॉक्टरों ने मुझे उनके पीछे चलने को कहा।” उन्होंने बताया कि वह डॉक्टरों के पीछे-पीछे येरवडा के मानसिक अस्पताल तक गए, जहां डॉक्टरों ने मरीज़ को बरगद के एक पेड़ के नीचे छोड़ दिया और चले गए। सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, “इसके बाद मैंने पुलिस नियंत्रण कक्ष और 108 एंबुलेंस सेवा को फोन किया और मरीज को ससून अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका वार्ड नंबर 12 में फिलहाल इलाज किया जा रहा है।”

अस्पताल के डीन ने क्या कहा?

गायकवाड़ ने कहा कि इस घटना के बाद उन्होंने अस्पताल के डीन से संपर्क किया और घटना पर स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने कहा, “हमें बताया गया कि अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है।” ससून अस्पताल के डीन डॉ. एकनाथ पवार ने कहा कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है और मामले में शामिल डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मरीज का नाम नीलेश है जो मध्य प्रदेश का रहने वाला है और उसे 16 जून को अस्पताल लाया गया था जब बस ने उसे टक्कर मार दी थी। मरीजों को कहीं और ले जाकर छोड़ दिए जाने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई घटना हुई है तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। (भाषा इनपुट्स के साथ)

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