मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले बढ़ने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने शुक्रवार को नई गाइडलाइंस जारी किये। राज्य सरकार ने कहा है कि रैपिड एंटीजन या अन्य जांच के बजाय आरटी-पीसीआर जांच के आधार पर पाबंदियों को घटाया-बढ़ाया जाएगा तथा डेल्टा प्लस वेरिएंट को चिंता का विषय बताया। एक सरकारी अधिसूचना के तहत जारी नये गाइडलाइंस के मुताबिक प्रशासनिक ईकाइयों में पाबंदियां एक निर्धारित स्तर (कम से कम तीन) तक बनी रहेंगी।
अधिसूचना में राज्य की 70 प्रतिशत आबादी का वैक्सीनेशन करने पर भी जोर देने को कहा गया है। सरकार के इस कदम से संकेत मिलता है कि कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट से कुछ लोगों के संक्रमित पाये जाने के बाद मामलों में किसी तरह की वृद्धि होने पर पाबंदियां कड़ी कर दी जाएंगी।
दरअसल शुक्रवार को राज्य के रत्नागिरी जिले में डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित एक 80 वर्षीय महिला की मौत हो गई। इसके बाद सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। राज्य में अब तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के 21 मामले सामने आए हैं।
बता दें कि डेल्टा प्लस वेरिएंट को केंद्र ने चिंता का विषय बताया है। अधिसूचना में इस महीने की शुरूआत में महाराष्ट्र सरकार द्वारा घोषित पांच स्तर की अनलॉक योजना में भी संशोधन किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते मंगलवार को कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर अहम जानकारी साझा की थी। भूषण ने कहा था कि राज्यों को चिट्ठी लिखकर डेल्टा प्लस वेरिएंट से निपटने के तरीके बताए गए हैं। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि डेल्टा प्लस वेरिएंट आगे बढ़े।
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