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महाराष्ट्र में कई जिलों में होम आइसोलेशन खत्म, कोरोना मरीजों को जाना पड़ेगा कोविड सेंटर

महाराष्ट्र सरकार ने अधिक संक्रमण दर वाले 18 जिलों में कोविड-19 मरीजों के होम आइसोलेशन में रहने पर रोक लगाने का फैसला किया है। इन क्षेत्रों के मरीजों को कोविड देखाभल केंद्र में भर्ती किया जाएगा।

Covid: No home isolation for patients in 18 Maharashtra districts- India TV Hindi Image Source : PTI महाराष्ट्र सरकार ने अधिक संक्रमण दर वाले जिलों में कोविड मरीजों के होम आइसोलेशन में रहने पर रोक लगाने का फैसला किया है।

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने अधिक संक्रमण दर वाले 18 जिलों में कोविड-19 मरीजों के होम आइसोलेशन में रहने पर रोक लगाने का फैसला किया है। इन क्षेत्रों के मरीजों को कोविड देखाभल केंद्र में भर्ती किया जाएगा। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मंगलवार को यह जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के कुल 36 जिलों में सतारा, सिंधदुर्ग, रत्नागिरी, उस्मानाबाद, बीड, रायगढ़, पुणे, हिंगोली, अकोला, अमरावती, कोल्हापुर, ठाणे, सांगली, गढ़चिरौली, वर्धा, नासिक, अहमदनगर और लातूर में औसत संक्रमण दर अधिक है। 

आमतौर पर बिना लक्ष्ण वाले और हल्के कोरोना वायरस संक्रमण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है। टोपे ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य में फिलहाल कोविड-19 के 3,27,000 मरीज उपचाराधीन हैं और स्वस्थ होने की दर 93 फीसदी है जबकि मृत्यु दर 1.5 फीसदी है। हालांकि, 18 जिलों में संक्रमण की दर राज्य के औसत से अधिक करीब 12 फीसदी है। 

उन्होंने कहा, ''राज्य सरकार ने इन 18 जिलों में गृह पृथक-वास पर पूरी तरह रोक लगाने का निर्णय लिया है। जिलाधिकारियों को कोविड देखभाल केंद्रों की संख्या बढ़ाने और सभी मरीजों को वहां भर्ती कराने को कहा गया है।''

कोविड-19 टीके की खरीद के लिए राज्य द्वारा जारी वैश्विक निविदा के बारे में टोपे ने कहा, ''किसी भी टीका निर्माता से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। हमने स्पूतनिक-वी टीके के लिए रूसी निर्माता कंपनी को ई-मेल भेजे हैं लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। केंद्र को राज्यों की तरफ से निविदा जारी करनी चाहिए।'

बता दें कि महाराष्ट्र में लगाए गए आंशिक लॉकडाउन की वजह से अब राज्य में कोरोना मामलों में अच्छी खासी गिरावट दर्ज की गई है। इसका सीधा असर अब देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और राज्य के अन्य अस्पतालों पर भी पड़ा है। अब अस्पतालों में मरीजों की संख्या धीरे धीरे कम हो रही है और अन्य मरीजों को आसानी से बेड उपलब्ध हो रहा है।

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