क्या नवी मुंबई में भी कहर मचाएगा कोरोना? शहर के 7 इलाकों में मिल चुके हैं करीब 4 हजार संक्रमित
शुरुआती 2 से ढाई महीने में इस शहर में कोरोना सिर्फ नाम का था लेकिन 15 दिन में ऐसा कहर ढाया है कि 114 लोगो मौत की नींद सो गए और ये ग्राफ और तेजी से बढ़ रहा है।
मुंबई. मुंबई में कोरोना वायरस से हालात बेहद खराब हैं। नवी मुंबई में कोरोना की चपेट में आ चुका है। यहां के महज 7 इलाकों में ही लगभग 4 हजार केस आ चुके हैं और 11 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 15 दिनों में यहां कोरोना डबल रेट से भी ज्यादा तेजी से बढ़ा है। नवी मुंबई को मुंबई शहर का पर्यायी शहर कहते है। पूरे महाराष्ट्र में एक मात्र ऐसा शहर है, जहां 20 से 25 प्रतिशत स्लम है बाकी आबादी ऊंची-ऊंची इमारतों में रहती है। इसे बेहद पॉश शहर कहा जाता है।
आज इस शहर में एक डर सा है, हालांकि ऐसा भी नही है कि पूरा शहर इसकी चपेट में आ गया है अभी तक सिर्फ 7 ऐसे इलाके है जहां कोरोना कहर ढा रहा है इन्ही 7 इलाकों में 3734 केस आये है, इन 7 इलाकों में 25 कन्टेन्टमेंट ज़ोन बन गए है। नवी मुंबई में तुरभे कोपर खैरने,घनसोली ऐरोली दीघा नेरुल और बेलापुर ये वो 7 इलाके हैं जहां लगभग 4 हजार केस आये है।
शुरुआती 2 से ढाई महीने में इस शहर में कोरोना सिर्फ नाम का था लेकिन 15 दिन में ऐसा कहर ढाया है कि 114 लोगो मौत की नींद सो गए और ये ग्राफ और तेजी से बढ़ रहा है। हालात ऐसे है कि जिन इलाकों में कोरोना आ रहा है उस इलाके को पूरी तरह से सील किया जा रहा है। यहां लोगों में कितना डर है उस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इस 7 इलाकों कि किसी न किसी गली से हर दिन लाश जरूर निकलती है।
दरअसल नवी मुंबई, मुंबई से सटा हुआ है, बेहद पॉश शहर है। जिन इलाकों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं, उनमें स्लम, संकरी गलियां शामिल हैं। नवी मुंबई कमिश्नर खुद इसे मांन रहे है कि इन्ही स्लम इलाको के चलते कोरोना केस बढ़ें हैं। दूसरा APMC मार्किट होना भी बड़ी वजह है। ऐसे में नवी मुंबई की हालत मुम्बई जैसी न हो, इसके लिए अब इन इलाके के हर एक शख्स की टेस्टिंग शुरू कर दी गई है।
हर इलाके में 20 ऐसी मेडिकल टीम बनाकर हर रोज भेजी जाती हैं। जो 6 घंटे तक SWAB टेस्ट करती है ताकि इन 7 इलाकों में हर शख्स की कोरोना जांच हो सके। कुल 20 मनपा की टीम अलग-अलग हिस्से में स्क्रीनिंग और टेस्टिंग कर रही हैं। नवी मुंबई मनपा कमिश्नर अन्ना साहेब मिसाल खुद इस बात से इत्तेफाक रखते है कि अगर समय रहते नवी मुंबई में कोरोना को नहीं रोका गया तो मुम्बई बनने में समय नही लगेगा।