महाराष्ट्र: मिले 3870 नए कोरोना मरीज, अबतक 6170 की मौत
विवार को महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के 3870 नए मामले सामने आए और 101 लोगों की मौत हो गई।
मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रविवार को महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के 3870 नए मामले सामने आए और 101 लोगों की मौत हो गई। नए मरीज सामने आने के बाद महाराष्ट्र में अबतक सामने आए कोरोना के कुल मामले बढ़कर 1,32,075 हो गए। इन मामलों में से 65,774 कोरोना को हराकर ठीक हो चुके हैं, जबकि 6170 लोगों की इस बीमारी ने जान ले ली है। राज्य में इस वक्त 60,147 एक्टिव केस हैं।
बात अगर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की करें तो यहां रविवार को 1242 नए मरीज सामने आए और 41 लोगों की मौत हो गई। शहर में अबतक 66,507 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं और 3669 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है। शहर में इस वक्त कोरोना वायरस के 29,347 एक्टिव केस हैं।
धारावी में कोरोना वायरस संक्रमण की दर कम होने पर केन्द्र ने की बीएमसी की तारीफ
केन्द्र सरकार ने एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी-बस्ती मुंबई के धारावी में कोरोना वायरस संक्रमण की दर को बेहद कम करने में सफल रहे स्थानीय निकाय, बीएमसी की तारीफ की है और कहा है कि अग्रसक्रिय कदमों के कारण इलाके में अप्रैल में जो संक्रमण का दर 12 प्रतिशत था, उसे कम करके 1.02 प्रतिशत कर दिया गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी धारावी में रोज आने वाले कोविड-19 के नए मामलों में काफी हद तक कमी लाने में सफल रही बृहन्न मुंबई महानगरपालिका की प्रशंसा की है।
धारावी में मई में जहां रोजाना औसतन 43 नए मामले आते थे वहीं जून के तीसरे सप्ताह में उनकी संख्या कम होकर 19 रह गई है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केन्द्र राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव, संक्रमण को एक क्षेत्र से दूसरे में फैलने से रोकने और कोविड-19 प्रबंधन में अग्रसक्रिय कदम उठा रहा है। बयान में कहा गया है कि इसी प्रयास में विभिन्न दिशा-निर्देश, परामर्श और इलाज के प्रोटोकॉल बनाए और राज्यों के साथ साझा किए गए हैं ताकि कोविड-19 उन्मूलन में साथ मिलकर आगे बढ़ा जाए।
बयान में कहा गया है कि कई राज्यों ने इन रणनीतियों को अपनाया और उनका पालन किया है, जिससे प्रभावी परिणाम सामने आए हैं, केन्द्र सरकार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी के परिणाम उत्साहवर्द्धक हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘इन्हीं प्रयासों के तहत उन्होंने पूरी सक्रियता से वायरस (संक्रमित लोगों) का इलाज किया और बेहद आक्रामकता के साथ संदिग्ध संक्रमित लोगों की पहचान की।’
केन्द्र ने कहा, ‘‘घनी आबादी वाले क्षेत्र (2,27,136 व्यक्ति प्रति वर्गमीटर) धारावी में अप्रैल 2020 में 491 मामले थे और संक्रमण की दर 12 प्रतिशत थी, मामले महज 18 दिन में दोगुने हो रहे थे।’’ उसने कहा, ‘‘लेकिन बीएमसी द्वारा उठाए गए अग्रसक्रिय कदमों के कारण मई 2020 में संक्रमण की दर घटकर 4.3 प्रतिशत और जून में 1.02 प्रतिशत रह गयी है।’’
केन्द्र का कहना है कि सिर्फ इतना ही नहीं, कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या दोगुनी होने में लगने वाले वाले समय में भी सुधार हुआ है और मई में यह जहां 43 दिन था वहीं जून में यह 78 दिन हो गया है। सरकार ने कहा कि धारावी में जहां की 80 प्रतिशत आबादी सामुदायिक शौचालयों का उपयोग करती है, बीएमसी के समक्ष तमाम चुनौतियां थीं।
बयान में कहा गया है कि वहां 10*10 फुट के कमरे या खोली में आठ से 10 लोग रहते हैं, गलियां पतली -पतली हैं, दो-तीन मंजिला मकान हैं जहां भूतल पर घर हैं और बाकी दोनों मंजिलों पर फैक्टरियों चलती हैं। केन्द्र का कहना है कि ऐसे में बीएमसी को वहां दो गज की दूरी बनाए रखने या फिर घर में ही प्रभावी पृथक-वास में रखने के नियम का पालन कराना मुश्किल था। मंत्रालय ने कहा कि बीएमसी ने चार ‘टी’ पता लगाना (ट्रैकिंग), ट्रेसिंग (खोज निकालना), टेस्टिंग (जांच करना) और ट्रीटिंग (इलाज करना) को बखूबी अपनाया।
With inputs from Bhasha