महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 1216 नए मामले सामने आए, मरीजों का कुल आंकड़ा 17974 पहुंचा
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के 1216 नए मामले गुरुवार को सामने आए और 43 कोरोना मरीजों की इससे मौत हो गई है। अब महाराष्ट्र में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 17974 तक पहुंच गया है।
मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के 1216 नए मामले गुरुवार को सामने आए और 43 कोरोना मरीजों की इससे मौत हो गई है। अब महाराष्ट्र में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 17974 तक पहुंच गया है। इस वायरस से उपचार के बाद 207 लोग और ठीक हुए है। इसके अलावा आज मुंबई के स्थानीय निकाय बीएमसी द्वारा संचालित सायन अस्पताल का बृहस्पतिवार को एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें कोरोना वायरस संक्रमण से मरे लोगों के शव कोविड-19 मरीजों के पास रखे दिख रहे हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद जांच की घोषणा करते हुए सायन इलाके में स्थित लोकमान्य तिलक महापालिका सर्वसाधारण अस्पताल के डीन डॉक्टर प्रमोद इंगले ने कहा कि परिजन शव लेकर जाने से कतरा रहे हैं, इसलिए ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा जारी बयान में डॉक्टर इंगले ने कहा है कि वीडियो कितना सही है, इसकी जांच की जाएगी। इससे पहले डीन ने कहा था कि कोरोना वायरस से मरने वालों के परिजन अक्सर शव को ले जाने से कतरा रहे हैं और ‘‘यही कारण है कि शव वहां ऐसे ही पड़े हुए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अब वहां से शव हटा दिए हैं और मामले की जांच कर रहे हैं।’’ यह पूछने पर कि शवों को मुर्दाघर में क्यों नहीं भेजा गया है, डॉक्टर इंगले ने कहा, ‘‘अस्पताल के मुर्दाघर में 15 शवों को रखने की व्यवस्था है, जिनमें से 11 भरे हुए हैं।’’ उन्होंने कहा कि अगर सभी शवों को मुर्दाघर भेज दिया जाए तो वहां कोरोना वायरस संक्रमण के अलावा अन्य कारणों से मरने वालों का शव रखने की जगह नहीं बचेगी। बुधवार तक मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण से 412 लोगों की मौत हुई है जबकि 10,527 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
शाम को बीएमसी द्वारा जारी बयान के अनुसार, डॉक्टर इंगले ने कहा कि स्थानीय निकाय ने वीडियो के ‘‘तथ्य और सत्यता’’ की जांच करने के लिए समिति गठित की है। वह 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इंगले ने बताया कि राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार बीएमसी ने निर्देश दिया है कि कोविड-19 से मरने वाले लोगों के शव 30 मिनट के भीतर रिश्तेदारों को सौंप देने हैं। उन्होंने कहा, लेकिन कई बार शव लेने के लिए रिश्तेदार उपलब्ध नहीं होते हैं और कई मामलों में तो बार-बार कहने के बावजूद वे शव लेने नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं।
घटना पर विपक्षी भाजपा के एक विधायक ने शिवसेना के शासन वाली बीएमसी पर निशाना साधा है। विधायक नितेश राणे ने कहा कि यह वीडियो दिखाता है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका मरीजों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं देती है। राणे ने बुधवार रात को टि्वटर पर इस वीडियो को टैग किया। भाजपा नेता ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘सायन अस्पताल ने कोविड-19 बीमारी से मरने वाले लोगों के शवों के साथ इस बीमारी के मरीजों को रखकर घोर लापरवाही बरती है।’’ उन्होंने कहा कि सायन के अस्पताल में ज्यादातर मरीज धारावी से आते हैं जो देश की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती है। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरीके से हम अपने कामकाजी वर्ग से पेश आते हैं? चिकित्सा कर्मियों और सायन अस्पताल की ऐसी लापरवाही से कोरोना वायरस संक्रमण और अधिक फैल सकता है।’’