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Hindi News महाराष्ट्र कौन हैं बदलापुर रेप के आरोपी को मारने वाले संजय शिंदे, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के साथ कर चुके हैं काम

कौन हैं बदलापुर रेप के आरोपी को मारने वाले संजय शिंदे, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के साथ कर चुके हैं काम

पुलिस के अनुसार अक्षय शिंदे को सोमवार शाम को तलोजा जेल से बदलापुर जांच के लिए लाया जा रहा था। मुंब्रा ब्रिज के पास उसने एक अधिकारी से हथियार छीन लिया और पुलिस पर गोली चला दी।

Police- India TV Hindi Image Source : INDIA TV अक्षय शिंदे को ले जाते पुलिस अधिकारी

महाराष्ट्र के बदलापुर में दो नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के आरोपी अक्षय शिंदे का एनकाउंटर हो चुका है। अक्षय ने  एक अधिकारी की बंदूक छीनकर उन पर गोली चला दी थी। बचाव में पुलिस ने भी गोली चलाई और अक्षय घायल हो गया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अक्षय का एनकाउंटर करने वाले पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे पहले पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा के साथ काम कर चुके हैं, जिन्हें 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' के तौर पर जाना जाता था।

पुलिस के अनुसार अक्षय शिंदे को सोमवार शाम को तलोजा जेल से बदलापुर जांच के लिए लाया जा रहा था। मुंब्रा ब्रिज के पास उसने एक अधिकारी से हथियार छीन लिया और पुलिस पर गोली चला दी। गोलीबारी में संजय शिंदे और सहायक पुलिस निरीक्षक नीलेश मोरे घायल हो गए। संजय शिंदे इससे पहले ठाणे पुलिस अपराध शाखा के जबरन वसूली विरोधी प्रकोष्ठ में काम कर चुके हैं, जिसका नेतृत्व तत्कालीन आईपीएस प्रदीप शर्मा कर रहे थे।

प्रदीप शर्मा ने किए थे 100 से ज्यादा एनकाउंटर

प्रदीप शर्मा को मुंबई पुलिस में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है, जिन्हें अपने करियर के दौरान 100 से ज्यादा अपराधियों को ढेर करने का श्रेय दिया जाता है। 1983 में पुलिस बल में शामिल होने वाले शर्मा 1990 के दशक में मुंबई अंडरवर्ल्ड के सदस्यों, खास तौर पर दाऊद इब्राहिम और छोटा राजन गिरोह से जुड़े गैंगस्टरों को निशाना बनाकर किए गए हाई-प्रोफाइल एनकाउंटर में अपनी भागीदारी के लिए मशहूर हुए। संजय शिंदे उस टीम का हिस्सा थे, जिसने गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को गिरफ्तार किया था। 

एसआईटी का हिस्सा हैं संजय शिंदे

संजय शिंदे बदलापुर बलात्कार मामले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) का हिस्सा हैं। संजय शिंदे को तब निलंबन और जांच का सामना करना पड़ा था, जब हत्या के आरोपी विजय पलांडे पुलिस हिरासत से भाग गए थे। उन पर पलांडे को भागने में मदद करने का आरोप लगाया गया था, क्योंकि अधिकारियों ने पाया था कि वे दोनों एक-दूसरे को जानते थे। पलांडे की कार में शिंदे की वर्दी भी मिली थी। 2014 में शिंदे को मुंबई पुलिस ने बहाल कर दिया।