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Hindi News महाराष्ट्र कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला का बयान, बोले- कोलकाता ही नहीं महाराष्ट्र पर भी राष्ट्रपति को देना चाहिए ध्यान

कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला का बयान, बोले- कोलकाता ही नहीं महाराष्ट्र पर भी राष्ट्रपति को देना चाहिए ध्यान

कांग्रेस नेता व महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रभारी रमेश चेन्निथला ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि महाविकास अघाड़ी का ही मुख्यमंत्री होगी। हालांकि हम मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करेंगे।

Congress leader Ramesh Chennithala STATEMENT said President should pay attention not only to Kolkata- India TV Hindi Image Source : INDIA TV कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला का बयान

कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रभारी नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करेगी। नागपुर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए रमेश चेन्निथला ने कहा कि मुख्यमंत्री महाविकास अघाड़ी का होगा। सीएम कौन होगा, यह चुनाव के बाद ही तय करेंगे। लोकसभा चुनाव में हमने किसी चेहरे को आगे नहीं रखा था। एमवीए में भी सीएम के लिए किसी को प्रोजेक्ट नहीं करेंगे। वहीं पश्चिम बंगाल की घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा चिंता जाहिर करने को लेकर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के हालत के ऊपर भी राष्ट्रपति को दुख होना चाहिए।

रमेश चेन्निथला बोले- महाराष्ट्र पर भी राष्ट्रपति को ध्यान देना चाहिए

उन्होंने कहा कि बदलापुर में जो हुआ है, पूरे महाराष्ट्र के लोगों के मन में दुख है। महिलाओं पर महाराष्ट्र में अत्याचार हो रहा है, उसपर भी राष्ट्रपति को देखना चाहिए। वो देश की राष्ट्रपति हैं। केवल कोलकाता नहीं महाराष्ट्र को भी उन्हें देखना चाहिए और अपना मत व्यक्त करना चाहिए। इसके साथ ही सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने के मामले में उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा कौन बनाया, वो किस पार्टी का आदमी है? महाराज का जो अपमान हुआ है, उसपर माफी मांगने से नहीं चलेगा। कार्रवाई होनी चाहिए। क्या हमने प्रतिमा को गिराया, फडणवीस को देखना चाहिए कि दोषी कौन है।

शिवाजी की प्रतिमा पर किसने क्या कहा?

वहीं शिवाजी की प्रतिमा मामले पर कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के देवता हैं, उनके पुतले के साथ भद्दा मजाक किया गया है। प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन करने के लिए क्या जल्दीबाजी की गई और भी कई सारे सवाल हैं, लेकिन इसका कोई जवाब नहीं आने वाला है। जहां तक माफी मांगने का वाल है, पहले आशीष सेलार ने माफी मांगी थी। लेकिन उनका सरकार से क्या मतलब है। क्या वह सरकार में मंत्री हैं। उसके बाद अजित पवार ने माफी मांगी लेकिन मुख्यमंत्री क्या कह रहे हैं कि हवा से यह पुतला गिर गया। ऐसा मजाक वो क्यों कर रहे हैं। किसी ने किसी को इसकी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करनी पड़ेगी।