मुंबई: राज्य में सभी 'मदरसों' को बंद करने की पार्टी के विधायक की मांग के लिए विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस ने शनिवार को राज्य भाजपा पर अपने ही नेताओं का अपमान करने का आरोप लगाया। भाजपा नेता की ओर से महाराष्ट्र में मदरसे बंद करने की बात पर कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरीखे नेताओं का अपमान करार दिया।
राज्य कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, "महागठबंधन सरकार पर निशाना साधने के लिए और महाराष्ट्र एवं मुंबई को बदनाम करने के लिए राज्य के भाजपा नेताओं ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। अब वे इस तरह के बयान देकर अपने ही नेताओं का अपमान कर रहे हैं।" उन्होंने भाजपा विधायक अतुल भटकलकर की एक मांग का उल्लेख करते हुए यह टिप्पणी की, जिन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चुनौती दी थी कि वे अपने हिंदुत्व को साबित करने के लिए मदरसों या इस्लामी स्कूलों को बंद करके दिखाएं। अब इस पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी के सबका साथ, सबका विकास नारे के विपरीत है।
सावंत ने कहा कि अगस्त 2001 में, तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने कहा था कि दिवंगत प्रधानमंत्री वाजपेयी का 'मदरसों' से छेड़छाड़ या हस्तक्षेप का कोई इरादा नहीं है और यह भी सुझाव दिया कि धार्मिक विषयों के अलावा आधुनिक विषयों जैसे विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और सामान्य ज्ञान उनके सिलेबस में शामिल होना चाहिए।
फरवरी 2002 में जोशी ने कहा था कि केंद्र एक हजार 'मदरसों' को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा, "जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, 2012 के राज्य चुनावों में भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में सभी 'मदरसों' को आधुनिक बनाने का वादा किया गया था। 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने दो बार 'मदरसों' के लिए इसी तरह के एजेंडे का उल्लेख किया।"
उन्होंने दावा किया कि जून 2019 में केंद्रीय अल्पसंख्यक विकास मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं और यहां तक कि कंप्यूटर में शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर 'मदरसों' को बेहतर बनाने और आधुनिक बनाने के उपायों की घोषणा की थी।
सावंत ने कहा, "राज्य भाजपा यह भूल गई है कि प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्लिम युवाओं के लिए एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर का भी नारा दिया है।" सावंत ने कहा, "बेहतर होता अगर ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को देखते हुए भटकलकर ने राज्य के मदरसों को बंद करने की मांग करने से पहले पार्टी के वरिष्ठों से सलाह ली होती।"