शिवसेना का नाम और चुनाव निशान मिलने के बाद पहली बार बोले CM शिंदे, दिया बड़ा बयान
चुनाव आयोग ने कहा कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 55 विजयी उम्मीदवारों में से एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले विधायकों के पक्ष में लगभग 76 फीसदी मत पड़े।
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने गुट को ‘शिवसेना’ का नाम और ‘चुनाव निशान’ मिलने पर बड़ा बयान दिया है। चुनाव आयोग के निर्णय का स्वागत करते हुए शिंदे ने कहा कि यह बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे के विचारों की जीत है। बता दें कि चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे नीत धड़े को असली शिवसेना के रूप में शुक्रवार को मान्यता दी और उसे ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया।
'बालासाहेब, आनंद दिघे के विचारों की जीत'
चुनाव आयोग के फैसले पर शिंदे ने कहा, ‘आज चुनाव आयोग ने जो निर्णय लिया है, उसका मैं स्वागत करता हूं। यह लोकतंत्र की जीत है। हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे और धर्मवीर आनंद दिघे के विचारों की जीत है। यह मेरे साथ आने वाले विधायकों, सांसदों और हजारों शिवसैनिकों की जीत है। मैं निर्वाचन आयोग को धन्यवाद देता हूं। लोकतंत्र में बहुमत का महत्व होता है। यह बालासाहेब की विरासत की जीत है। हमारी शिवसेना वास्तविक है। हमने बालासाहेब के विचारों को ध्यान में रखते हुए पिछले साल महाराष्ट्र में सरकार बनाई।’
'एकनाथ शिंदे के पक्ष में 76 फीसदी वोट पड़े'
इससे पहले पार्टी पर नियंत्रण के लिए चली लंबी लड़ाई के बाद 78 पृष्ठों के अपने आदेश में चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को राज्य में विधानसभा उपचुनावों के पूरा होने तक ‘मशाल’ चुनाव चिह्न रखने की इजाजत दी। आयोग ने कहा कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 55 विजयी उम्मीदवारों में से एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले विधायकों के पक्ष में लगभग 76 फीसदी मत पड़े। महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना के विजयी उम्मीदवारों के पक्ष में मिले मतों से 23.5 प्रतिशत मत उद्धव ठाकरे धड़े के विधायकों को मिले थे।
'बीजेपी का एजेंट बन गया है चुनाव आयोग'
वहीं, चुनाव आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि जिस बात का डर था वही हुआ। उन्होंने चुनाव आयोग को 'बीजेपी का एजेंट' करार देते हुए कहा कि वह अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। दुबे ने कहा कि उनकी पार्टी पहले से ही कहती आ रही है कि उन्हें चुनाव आयोग पर विश्वास नहीं है। जब मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, बहस अभी जारी है, आपने आनन-फानन में कैसे फैसला सुना दिया कि शिवसेना एकनाथ शिंदे की पार्टी है।
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