पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार देशभर में विपक्षी दलों को ‘नियंत्रित’ करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल कर रही है। पवार ने कहा कि जांच एजेंसी का दुरुपयोग न केवल महाराष्ट्र में बल्कि अन्य राज्यों में भी देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हाल में (केन्द्र) सरकार विपक्ष को काबू में करने के लिए इस एजेंसी का इस्तेमाल करती दिख रही है। ऐसा न केवल महाराष्ट्र में हो रहा है, बल्कि पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश और कुछ दक्षिणी राज्यों में भी हो रहा है।’
किसान आंदोलन को लेकर भी शरद पवार ने दिया बयान
पवार ने कहा कि केंद्र सरकार उन किसानों की भी अनदेखी कर रही है जो एक साल से अधिक समय से नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘किसानों को अपने घरों को छोड़कर आंदोलन करते हुए 14 महीने हो गए हैं। सरकार को इन प्रदर्शनकारियों का संज्ञान लेना चाहिए था, जो इतने लंबे समय से वहां बैठे हैं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी अनदेखी की जा रही है।’ महाराष्ट्र में मंदिरों को जनता के लिए खोलने की बीजेपी की मांग पर पवार ने कहा कि केंद्र ने खुद राज्य सरकार को कोविड-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं और उसी का पालन किया जा रहा है।
तृणमूल कांग्रेस ने भी लगाया था बदले की राजनीति का आरोप
पवार से पहले शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार पर ‘बदले की भावना से राजनीति’ करने का आरोप लगाया था। हाल में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा को सम्मन जारी करने पर तृणमूल ने केंद्र पर हमला बोला था। पश्चिम बंगाल में कथित कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले के संबंध में ईडी ने सम्मन जारी किए थे। तृणमूल सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी हाल में हुए विधानसभा चुनाव में हार गई थी इसलिए अब वह प्रतिशोध की राजनीति कर रही है।