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Hindi News महाराष्ट्र IAS पूजा ने मात-पिता की शादी पर भी कर दिया है झोल? केंद्र ने पुणे पुलिस से मांगी जानकारी

IAS पूजा ने मात-पिता की शादी पर भी कर दिया है झोल? केंद्र ने पुणे पुलिस से मांगी जानकारी

ऐसे आरोप सामने आए हैं कि पूजा ने अपने माता-पिता के अलग होने का झूठा दावा कर यूपीएससी परीक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) गैर-क्रीमी लेयर कोटा का लाभ प्राप्त किया।

पूजा खेडकर- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO पूजा खेडकर

कई विवादों में घिरी ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। अब केंद्र सरकार ने उनके माता-पिता के वैवाहिक जीवन को लेकर पुणे पुलिस से जानकारी मांगी है। पुणे पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने पुणे पुलिस को पूजा खेडकर के माता-पिता के वैवाहिक स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया है। ऐसे आरोप सामने आए हैं कि पूजा ने अपने माता-पिता मनोरमा और पिता दिलीप के अलग होने का झूठा दावा कर यूपीएससी परीक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) गैर-क्रीमी लेयर कोटा का लाभ प्राप्त किया।

पूजा का दावा, माता-पिता अलग हो गए थे

नियमों के मुताबिक, ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर की श्रेणी में केवल वे लोग आते हैं जिनके माता-पिता की आय 8 लाख सालाना से कम है। पूजा ने दावा किया था कि उसके माता-पिता अलग हो गए थे और वह अपनी मां के साथ रह रही थी, जबकि उसके पिता एक सरकारी नौकरी में क्लास वन के अधिकारी थे। यही वजह है कि केंद्र सरकार की ओर से पुणे पुलिस को यह निर्देश दिया गया है कि पूजा खेडकर के माता-पिता के वैवाहिक जीवन और उसकी स्थिति को लेकर रिपोर्ट सौंपी जाए।

मदद करने वाले डॉक्टरों की जांच के आदेश

वहीं, पूजा खेडकर को कथित जाली विकलांगता प्रमाणपत्र दिलाने में मदद करने वाले डॉक्टरों और सहायकों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। Commissioner Of Disable Welfare Department ने पूजा की मदद करने वाले सभी लोगों, जिसमें वाईसीएम अस्पताल के डॉक्टर भी शामिल थे, की जांच के आदेश दिए हैं। पिंपरी नगर निगम के चिकित्सा विभाग को पूजा खेडकर को प्रमाण पत्र देने वाली समिति के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जांच के आदेश जारी किए गए हैं।

वाईसीएम अस्पताल ने पूजा खेडकर को विकलांगता प्रमाणपत्र जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि पूजा के बाएं घुटने में 7% स्थायी विकलांगता है। यदि जांच में दोषी पाया जाते हैं, तो विकलांगता प्रमाणपत्र जारी करने वाले डॉक्टर और सभी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। जांच की पूरी रिपोर्ट कलेक्टर ऑफिस को सौंपी जाएगी।

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