Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार ने केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) को राज्य में एक तरह से फ्री हैंड दे दिया है। राज्य सरकार के नए आदेश के मुताबिक महाराष्ट्र में अब किसी भी आपराधिक घटना या फ्रॉड की जांच के लिए सीबीआई को राज्य सरकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। दरअसल, एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस सरकार ने महाराष्ट्र में किसी भी आपराधिक या फ्रॉड की जांच के लिए सीबीआई को 'सामान्य प्रभार' बहाल किया।
महाराष्ट्र में सीबीआई को मिला फ्री-हैंड
शिंदे सरकार के इस नए आदेश का मतलब है कि अब अगर सीबीआई कोई जांच महाराष्ट्र में आकर करना चाहे तो उसके लिए उन्हें राज्य सरकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बता दें कि उद्धव ठाकरे जब मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने पश्चिम बंगाल की तरह महाराष्ट्र में भी सीबीआई पर प्रतिबंध लगाते हुए कोई भी जांच राज्य में शुरू करने के पहले राज्य सरकार के गृह मंत्रालय विभाग से अनुमति लेना जरूरी कर दिया था।
अहम मामलों की जांच में बना था रोढ़ा
गौरतलब है कि उद्धव सरकार का यही आदेश कारण था कि सीबीआई को अनिल देशमुख के 100 करोड़ वसूली कांड, सचिन वाझे मनसुख हिरेन केस और पालघर साधु हत्याकांड मामले में जांच करने में देरी हुई। पालघर साधु हत्याकांड मामले की जांच शिन्दे-फडणवीस सरकार ने जब सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया तब जाकर शुरू हुई। महाराष्ट्र सरकार ने साफ कर दिया है कि अब सीबीआई को जांच के लिए सरकार की अनुमति की जरूरत नहीं होगी।
जांच के घेरे में पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख
गौरतलब है कि मार्च 2021 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने मुंबई के रेस्तरां और बार से 100 करोड़ रुपये प्रति माह वसूली का लक्ष्य दिया था। इसी मामले की जांच के लिए सीबीआई को महाराष्ट्र की तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार से इजाजत मिलने में दिक्कत हो रही थी। इसके बाद जब सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर हलफनामा दायर किया तब जाकर जांच शूरू हो सकी। अब महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख कथित भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है।