केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने शेयर मार्किट के कर्मचारियों की कथित अवैध फोन टैपिंग के मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व MD और CEO चित्रा रामकृष्ण के खिलाफ FIR दर्ज की है।
सीबीआई के एक अधिकारी के अनुसार, "सीबीआई की यह कार्रवाई केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से शिकायत मिलने के बाद हुआ है। पांडे और रामकृष्ण के अलावा, सीबीआई ने इस मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के एक अन्य पूर्व सीईओ व एमडी रवि नारायण को भी नामजद किया है। फ़िलहाल पांडे और रामकृष्ण को-लोकेशन घोटाले के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में हैं।
20 से ज्यादा ठिकानों पर हो रही है छापेमारी
सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई पूर्व कमिश्नर पांडे के खिलाफ दर्ज FIR के सिलसिले में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पुणे, कोटा, लखनऊ, चंडीगढ़ और अन्य शहरों में 20 स्थानों पर छापेमारी कर रहा है। सीबीआई ने बताया कि आरोप है कि कुछ अन्य कंपनियों के साथ एनएसई का सुरक्षा ऑडिट करने वाली आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड ने 2009 से 2017 के दौरान एनएसई कर्मचारियों के फोन अवैध रूप से टैप किये थे। कंपनी ने उस समय के आसपास यह ऑडिट किया था जब कथित तौर पर को-लोकेशन घोटाला हुआ था।
इससे पहले ED ने भी की थी पूछताछ
वहीं इससे पहले मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में संजय पांडे मंगलवार 5 जुलाई को को ईडी के सामने पेश हुए थे। उन्हें ईडी ने तीन जुलाई को समन भेजकर पूछताछ के लिए तलब किया था। अधिकारियों ने बताया कि संजय पांडेय को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को-लोकेशन घोटाले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। वह दिल्ली स्थित ईडी कार्यालय में पेश हुए।
उद्धव सरकार के दौरान थे मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडे
मार्च 2001 में संजय पांडे ने यह कंपनी खड़ी की थी और मई 2006 में उन्होंने इसके निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कंपनी का प्रभार उनके बेटे और मां ने ले लिया था। माना जाता है कि आईआईटी-कानपुर और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाले पांडे ने नौकरी से इस्तीफा देने के बाद यह कंपनी स्थापित की थी। हालांकि उनके इस्तीफे को राज्य सरकार ने स्वीकार नहीं किया था और वह दोबारा सेवा में शामिल हो गए थे। लेकिन उन्हें तत्काल कहीं तैनात नहीं किया गया था। गौरतलब है कि संजय पांडे पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की एमवीए सरकार के दौरान मुंबई के पुलिस कमिश्नर थे।