नाव के जरिए कुवैत से मुंबई पहुंचे 3 लोग अरेस्ट, पुलिस और IB की जांच में हुआ ये खुलासा
सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को ससून डॉक इलाक़े में समुंद्र में पेट्रोलिंग कर रही येलो गेट पुलिस स्टेशन की चैत्राली बोट पर तैनात पुलिस ने देखा कि एक संदिग्ध बोट शहर की तरफ़ आ रही है जिसके बाद उन्होंने इस बात की जानकारी नेवी को दी।
मुंबईः नौका के जरिये कुवैत से मुंबई में अवैध रूप से प्रवेश करने के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मामला कर गिरफ्तार कर लिया है। एक अधिकारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया मंगलवार को ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ पर खड़ी नौका में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। नौका से आये तीनों लोग तमिलनाडु के निवासी हैं, वे दो वर्ष पहले काम के सिलसिले में कुवैत गए थे। अधिकारी ने बताया कि उन्हें कुवैत ले जाने वाले एजेंट ने कथित तौर पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया जिसके बाद वे वहां से भाग गए। उन्होंने बताया कि ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ पर पहुंचने पर नौका की तलाशी ली गई।
तीनों के खिलाफ केस दर्ज
पुलिस अधिकारी ने बताया कि यहां कोलाबा पुलिस ने अवैध रूप से प्रवेश करने पर पासपोर्ट अधिनियम के प्रावधानों के तहत तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मुंबई में नवंबर 2008 में आतंकी हमला करने वाले दस पाकिस्तानी आतंकवादी समुद्र के रास्ते ही शहर में दाखिल हुये थे।
पेट्रोलिंग कर रही टीम ने देखी थी नाव
सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को ससून डॉक इलाक़े में समुंद्र में पेट्रोलिंग कर रही येलो गेट पुलिस स्टेशन की चैत्राली बोट पर तैनात पुलिस ने देखा कि एक संदिग्ध बोट शहर की तरफ़ आ रही है जिसके बाद उन्होंने इस बात की जानकारी नेवी को दी और उनकी मदद से इस बोट को गेट वे ऑफ इंडिया लाया गया।
आईबी ने भी की जांच
मिली जानकारी के अनुसार, मुंबई पुलिस के साथ-साथ, इस मामले की जांच करने के लिए महाराष्ट्र एटीएस, आईबी और नेवी इंटेलिजेंस की टीम कुलाबा पुलिस स्टेशन पहुंची। जांच के बाद मुंबई पुलिस ने तीनों लोगो गिरफ्तार कर लिया। गिरफ़्तार आरोपियों के नाम विजय विनोद अंटोनी (29), नीदिसो डिटो (31) और जे. सहाया अंटोनी अनीश बी. जेईश (29) बताए जा रहे हैं। तीनों ही आरोपी फिशरमैन हैं और भारत के कन्याकुमारी, तमिलनाडु के रहने वाले हैं।
जांच में हुआ ये खुलासा
सूत्रों ने बताया को पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों में बताया कि वो लोग अब्दुल्लाह मोहंमद अब्दुल रहमान अल सरहिद नाम के शख़्स के यहां कुवैत में फिशिंग का काम करने गये थे। कुवैत में उन्हें अब्दुल्लाह ने उन्हें पिछले दो साल से तनख़्वाह नहीं दी थी, उसने उनका पासपोर्ट और वीसा भी उनसे ले लिया, उन्हें समय पर भोजन नहीं देता था और बात बात पर पिटाई किया करता था। इन्ही सब से परेशान होकर तीनों ने फिशिंग बोट लेकर वहां से भागने को तैयारी कर ली। वे लोग कुवैत से ईरान, कुवैत बॉर्डर, सऊदी, कतर, दुबई बॉर्डर और फिर इंडिया के GPS नंबर पर बोट चलाते चलाते 10 दिन में मुंबई पहुंच गये। सूत्रों ने यह भी बताया की आरोपियों में यह दावा किया है कि जब वे लोग कुवैत से निकले और क़तर पहुंचे तब वहां की पुलिस ने उन्हें रोका और पूछा कहां जा रहे हैं तब उन्होंने कहा कि भारत जा रहे हैं जिसके बाद कतर पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया था।