नई दिल्ली: बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की नौकरियों में ‘थर्ड जेंडर श्रेणी’ शामिल करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सोमवार को महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (MPSC) और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किये। दो ट्रांसजेंडर सहित सभी याचिकाकर्ताओं ने अपने वकील विजय हीरेमथ के माध्यम से कहा कि नौकरियों के लिए पर्याप्त शिक्षण पात्रता और प्रशिक्षण होने के बावजूद उन्हें महाराष्ट्र राज्य परिवहन और पुलिस विभागों में नौकरियां नहीं मिल रही हैं।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि आवेदन प्रक्रिया में सिर्फ पुरुष और स्त्री दो ही श्रेणी हैं और आवेदन फॉर्म में थर्ड जेंडर के लिए कोई कॉलम नहीं है। न्यायमूर्ति अमजद सईद ने राज्य प्रशासन को निर्देश दिया कि वे याचिका पर तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करें। अदालत ने याचिकाकर्ताओं को इस मामले में महाराष्ट्र ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड को भी प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया।
दो ट्रांसजेंडर और दो एनजीओ ‘संग्राम’ तथा ‘मुस्कान संस्थान’ की ओर से दायर याचिकाओं में अदालत से अनुरोध किया गया है कि वह महाराष्ट्र सरकार को उसके द्वारा की जाने वाली सभी भर्तियों और नियुक्तियों में थर्ड जेंडर का विकल्प शामिल करने का निर्देश दें।