Dussehra rally: मुंबई के शिवाजी पार्क में दशहरा रैली कौन करेगा... इसको लेकर शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट में तकरार चल रही थी। BMC ने लॉ एंड ऑर्डर सिचुएशन का हवाला देकर दोनों गुट की एप्लीकेशन खारिज कर दी थी। आज बॉम्बे हाईकोर्ट ने उद्धव गुट को शिवाजी पार्क में 5 अक्टूबर को होने वाली दशहरा रैली की इजाजत दे दी है। बता दें कि शिवसेना अपनी स्थापना के समय से ही शिवाजी पार्क में दशहरा रैली कर रही है।
'मंजूरी मिले या नहीं, शिवाजी पार्क में ही करेंगे दशहरा रैली'
इससे पहले उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने कहा था कि BMC की मंजूरी मिले या नहीं, वह यहां शिवाजी पार्क मैदान में पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली करेगी। मुंबई के पूर्व महापौर मिलिंद वैद्य के नेतृत्व में शिवसेना नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीएमसी के अधिकारियों से मुलाकात कर रैली आयोजित करने की अनुमति के लिए उनके आवेदन की स्थिति के बारे में पूछताछ की थी। उन्होंने कहा था, ‘‘हमें अनुमति मिले या नहीं, बालासाहेब ठाकरे के शिवसेना कार्यकर्ता रैली के लिए शिवाजी पार्क में एकत्र होंगे। प्रशासन हमें अनुमति दे या मना कर दे। हम (शिवाजी पार्क में रैली करने के लिए) अपने फैसले पर बहुत दृढ़ हैं।’’
वैद्य ने कहा था, ‘‘अगर हमें कोई जवाब नहीं मिला, तो भी बालासाहेब के शिवसेना कार्यकर्ता दशहरा रैली के लिए शिवाजी पार्क में इकट्ठा होंगे।’’ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला समूह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला प्रतिद्वंद्वी खेमा, दोनों ने मध्य मुंबई के शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति मांगी थी।
उद्धव गुट ने पहले किया था आवेदन
बता दें कि ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के अनिल देसाई ने 22 अगस्त को बीएमसी को मध्य मुंबई के प्रतिष्ठित पार्क में रैली आयोजित करने की अनुमति के लिए आवेदन दिया था। बाद में 30 अगस्त को शिंदे गुट के विधायक सदा सर्वंकर ने भी दशहरा रैली आयोजित करने के लिए बीएमसी के जी-नॉर्थ वार्ड से अनुमति को लेकर आवेदन किया था।
जून में गिर गई थी उद्धव ठाकरे की सरकार, शिंदे ग्रुप से चल रही तनातनी
बता दें कि इस साल जून में शिवसेना में एकनाथ शिंदे गुट के विद्रोह के बाद ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी। महा विकास आघाड़ी गठबंधन में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस शामिल थीं। बाद में शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।