मुंबई। देश के सबसे धनी बृहन्मुंबई महानगर पालिका निगम (BMC) ने कल बुधवार को अपना शिक्षा बजट जारी किया। इस बार BMC ने मुंबई में बीएमसी का साल 2022-23 का 3370 करोड़ का शिक्षा बजट पेश किया है। यह बजट पिछले साल 2945 करोड़ का था। इस तरह इस बार पिछले साल के मुकाबले शिक्षा बजट में 424 करोड़ का इजाफा किया गया है।बीएमसी करीब 2 लाख 42 हज़ार रुपए के आवंटन से प्राइमरी स्कूल के छात्रों को मुफ्त शिक्षा देंगी। साथ ही करीब 48 हज़ार सेकंडरी कक्षा के छात्रों को मुफ्त शिक्षा देंगी। बजट में बीएमसी ने 900 बालवाड़ी स्कूलों के लिए भी मंजूरी प्रदान की है। बीएमसी द्वारा पेश किए गए 2022—23 के इस बजट में टैक्स से प्राप्त आमदनी से 777.19 करोड़ रुपए प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है। मनपा की प्रॉपर्टी से रेंटल इनकम 6.38 करोड़ रुपए की उमीद है। इस तरह बजट में कुल 2870 करोड़ टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा गया है।
वर्चुअल ट्रेनिंग सेंटर द्वारा कुल 37 करोड़ खर्च करने का प्रावधान है। इसमें प्राइमरी के लिए करीब 26 करोड़ और सेकंडरी के लिए 11 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वहीं डिजिटल क्लास के लिए कुल 28 करोड़ का खर्च का प्रावधान रखा गया है। वहीं बीएमसी के फ्री बस सुविधा के लिए करीब 4 करोड़ का बजट रखा गया है। बीएमसी इस बार वर्चुअल क्लासरूम पर 13.15 करोड़ रुपए खर्च करेगी जबकि स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर 190.1 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वहीं डिजिटल क्लासरूम बनाने के लिए 28.58 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया है। शुद्ध पानी उपलब्ध करवाने के लिए 1.31 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पहली से लेकर चौथी क्लास तक के निजी स्कूलों को बीएमसी 380.22 करोड़ रुपए देगी। इन पैसों से निजी स्कूलों को बच्चों को खाना और स्कूल का सामान मुफ्त में देना होगा। आंगनवाड़ी बच्चों के लिए 10.12 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
कोविड से बचाव के लिए भी पैसे होंगे खर्च
बीएमसी स्कूलों में कोविड संबंधित सामान के लिए भी 15.9 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस साल 24 नए एसएससी बोर्ड के स्कूल जबकि 10 सीबीएसई बोर्ड के स्कूल बनाए जाएंगे। बीएमसी द्वारा यह प्रावधान भी किया गया है की मराठी हिंदी, गुजराती, उर्दू ,इंग्लिश, तेलुगु और कन्नड़ ऐसी 8 भाषा के 963 प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले दो लाख सोलह हज़ार चार सौ पचास छात्रों को 7653 शिक्षकों द्वारा मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी।
यूट्यूब चैनल से हुई पढ़ाई
कोरोना महामारी की वजह से इस साल बीएमसी ने ऑनलाइन शिक्षा पर जोर देते हुए पहली कक्षा से लेकर 10वीं तक के विद्यार्थियों को मराठी हिंदी उर्दू और अंग्रेजी माध्यमों के अंतर्गत 40 यूट्यूब चैनल के जरिए ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की है। इस साल ऑनलाइन प्राथमिक शिक्षा के लिए 8.05 करोड़ और माध्यमिक शिक्षा के लिए 5.10 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। बीएमसी ने इस बार अपने स्कूल का नाम भी बदल दिया है। अब मुंबई बीएमसी स्कूल का नाम बदलकर 'मुंबई पब्लिक स्कूल' किया जाएगा साथ ही एमपीएस (MPS) का लोगो भी रहेगा।