भारतीय जनता पार्टी की नेता सना खान हत्याकांड मामले में नागपुर पुलिस को बड़ा झटका लगा है। नागपुर पुलिस द्वारा मुख्य आरोपी अमित साहू के नार्को टेस्ट की कोर्ट में मांग की गई थी। नार्को टेस्ट की इस मांग को कोर्ट ने ठुकरा दिया है। इस बाबत 28 अगस्त को नागपुर पुलिस ने न्यायालय में नार्को टेस्ट के लिए अर्जी दायर की थी। दरअसल पेशे से अपराधी पप्पू साहू पुलिस पूछताछ में बार-बार अपना बयान बदल रहा है। इससे सना की हत्या का मामला सुलझने की बजाय उलझता जा राह है। इसलिए पुलिस ने प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी की कोर्ट के समक्ष पप्पू की नार्को टेस्ट की मांग की थी, ताकि सच पता किया जा सके।
कोर्ट ने नार्को टेस्ट की नहीं दी अनुमति
बता दें कि आरोपी ने पुलिस के सामने स्वीकार कर बताया है कि 2 अगस्त को सना की हत्या कर उसके शव को उसने मध्य प्रदेश के हिरण नदी में फेंक दिया था। इसलिए पुलिस की एक टीम सना के शव और मोबाइल खोजने के लिए जबलपुर गई हुई है। हालांकि अबतक सना का शव नहीं मिल सका है। इस कारण पुलिस का संदेह बढ़ गया है कि कहीं आरोपी गुमराह तो नहीं कर रहा है। पुलिस को यह भी शंका है कि सना की हत्या हुई है या नहीं? अगर हत्या हुई तो शव कहां है? हत्या अगर नहीं हुई है तो आरोपियों ने सना को छिपाकर कहां रखा है? आज पुलिस के सामने ये सवाल खड़े हो गए हैं। इन्हीं सवालों के जवाब के लिए पुलिस ने साहू की नार्को टेस्ट की मांग की थी। कोर्ट ने इस दौरान विभिन्न कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए नार्को टेस्ट की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
जबलपुर पहुंची पुलिस ने जुटाए सबूत
बता दें पुलिस ने घटनास्थल और नर्मदा नदी के किनारे बसे नागरिकों से संपर्क कर जानकारी देने वाले के लिए एक लाख रुपये इनाम की घोषणा की है। बता दें सना की हत्या को साबित करने के लिए पुलिस को शव और मोबाइल के साथ कई अहम सबूत की जरूरत थी। यह नहीं मिलने पर अमित और उनके साथियों को सर्वाधिक लाभ होना था। पुलिस अधिकारी और फॉरेंसिक एक्सपर्ट जबलपुर में जांच के लिए पहुंचे थे। टीम ने घटनास्थल पर अमित साहू के घर और जिस स्थान पर शव को हिरण नदी में फेंका गया था। वहां से खून के नमूने लिए हैं, यह खून जमीन और दूसरे स्थान पर फैला था।