महाराष्ट्र में बीजेपी के बड़े नेता और विधायक राम कदम की मुश्किलें बढ़ सकती है। वजह है कंबल वाले बाबा का दरबार। दरअसल, बीजेपी विधायक राम कदम ने अपने चुनावी क्षेत्र घाटकोपर में राजस्थान से आये कंबल वाले बाबा का दरबार सजाया है। बाबा दावा कर रहे हैं कि वे किसी को भी लकवा मारा हो,कोई दूसरी जोड़ों के दर्द की बीमारी हो तो उसे कंबल ओढ़कर ठीक करते हैं। सोशल मीडिया पर राम कदम के वीडियो वायरल होने के बाद अंधश्रद्धा निर्मूलन संस्था की मुक्ता दाभोलकर ने राम कदम और कंबल वाले बाबा पर FIR दर्ज करने की माग की है।
सुप्रिया सुले ने भी उठाए सवाल
इतना हीं नहीं इस मामले पर एनसीपी नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने भी ट्वीट कर लिखा है कि महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून होने के बाद भी इस तरह से अगर अंधश्रद्धा को कोई बढ़ावा दे रहा हो तो सरकार इन पर एक्शन लेगी या नहीं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में लोगों की कंबल बाबा के दरबार में भीड़ दिखाई दे रही है।
बाबा की तारीफ में राम कदम का आया वीडियो
जो वीडियो सामने आया है, उसमें बीजेपी विधायक राम कदम कह रहे हैं, “मैं विज्ञान का विद्यार्थी हूं, मैं अंधश्रद्धा का समर्थन नहीं करता। जिस समय मैंने कंबल वाले बाबा के बारे में सुना, उनके हज़ारों वीडियो यूट्यूब पर हैं। मैं उनके शिविर में अपने माता-पिता को लेकर गया कि किस प्रकार का उनका जादू जैसा रिज़ल्ट है। वह देख कर लगता है पाखंड है, पर मैंने अपनी आंखों से देखा। मेरे माता पिता मेरी पत्नी को उसका लाभ हुआ, उसके बाद कई मित्रों को उसका लाभ हुआ। बाबाजी कोई जादू नहीं कर रहे, ये कोई नींबू नारियल नहीं घुमा रहे। शरीर की नसों का विज्ञान... कहां पर दबाएं, तो कैसे नसें खुलती हैं। फिर वो पैरालिसिस का मरीज़ हो या कोई अन्य मरीज़ हो। कैसे लाभ होता है इसके बारे में उनका अपना अध्ययन है।"
राम कदम ने बाबाजी के पास आने की अपील भी की
अपने वीडियो में बीजेपी नेता राम कदम कह रहे हैं, "घर में बैठकर बाबाजी के काम को अंधश्रद्धा कहना, उससे ज़्यादा बेहतर है कि वो अपने घर के मरीज़ों को लायें, डॉक्टर को साथ लेकर आये और स्वयं अनुभव करें कि लाभ हो रहा है या नहीं हो रहा है। सिर्फ़ पांच दिनों में हज़ारों लोग स्वयं प्रेरणा से, किसी को बुलाया नहीं, वो आए... उन्होंने बाबाजी के नसों के विज्ञान का लाभ लिया और लाभ लेकर वे अनुभव अपना बता रहे हैं। इसलिए सनातन धर्म के इस गहरे अध्यात्म को अंधश्रद्धा कहने से पहले मेरा निवेदन होगा कि वे सारे लोग अपने डॉक्टर के साथ मरीज़ों के साथ बाबाजी के पास आयें।
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